फिलहाल तो कामकाज सुधरेगा इस आशा से समय व्यतीत कर रहे सूरत के कपड़ा कारोबारी!

फिलहाल तो कामकाज सुधरेगा इस आशा से समय व्यतीत कर रहे सूरत के कपड़ा कारोबारी!

बहुत ही दयनीय स्थिति से गुजर रहा है कपड़ा उद्योग, व्यापारियों और उद्योगपतियों में चिंता

दो साल कोरोना की मार झेलने के बाद किसी तरह अपनी लय खोज रहा कपड़ा बाजार बुरे दौर से गुजर रहा है। बुनाई, कढ़ाई समेत पूरे कपड़ा उद्योग की हालत दयनीय है। पिछले 3-4 महीने से यही स्थिति है, कोई सुधार नहीं। साथ ही तैयार माल की डिस्पैचिंग भी बहुत कम है। हालांकि पूरा उद्योग इस समय औसतन 40 से 50 प्रतिशत क्षमता पर चल रहा है।
आपको बता दें कि व्यापारियों के कामकाज में सुधार की उम्मीद में दिन बीत रहे हैं। पहले सभी को उम्मीद थी कि 15 जुलाई से थोड़ा सुधार होगा, लेकिन ऐसा होता नहीं दिखाई दे रहा। अब आशा है कि 30 तारीख के बाद शायद काम में सुधार हो सकता है।साथ ही 35-40 फीसदी की क्षमता से फलफूल रहा विविग उद्योग होली-धुलेती के लौटने से पहले घर गए कारीगरों के लौटने के बाद अब 60-70 फीसदी हो गया है।
बता दें कि मौजूदा समय में सबसे खराब स्थिति एम्ब्रॉयडरी इकाइयों और बाजार के व्यापारियों की है। इस क्षेत्र में बमुश्किल 15-20 फीसदी कारोबार हो पा रहा है। ग्राहक और बाजार की कमी के चलते उत्पादन में कमी देखने को मिल रही है। ट्रेडर्स और एम्ब्रॉयडरी जॉब वर्कर्स का टाइम पास हो रहा है। इसी तरह, डाईंग प्रोसेसिंग इकाइयों की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। कुछ सुधार हुआ है, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा है। ये उद्योग वर्तमान में 40-50 प्रतिशत क्षमता पर चल रहे हैं। कई मिलें अभी भी पूरी क्षमता से नहीं चल रही हैं।
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