सूरत : जंबूसर की कॉलेज में मास-कॉपी का मामला सामने आया, जानिये छात्रों और कॉलेजकर्मियों के खिलाफ क्या कदम उठाये गये

सूरत : जंबूसर की कॉलेज में मास-कॉपी का मामला सामने आया, जानिये छात्रों और कॉलेजकर्मियों के खिलाफ क्या कदम उठाये गये

45 बच्चों के परिणाम रद्द, कॉलेज को परीक्षा केंद्र के रूप से बर्खास्त किया गया

बीते कुछ दिनों से वीर नर्मद दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी किसी न किसी कारण चर्चा में है। एक बार फिर ये विश्वविद्यालय चर्चा में है और इस बार अपने एक कॉलेज में हुए सामुहिक नकल के लिए चर्चा में है। वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय  सलंग्न जंबूसर के जे एम शाह साइंस कॉलेज में सामूहिक नकल का मामला पकड़ा गया है। हालांकि, जैसे ही विश्वविद्यालय को इस बात की जानकारी हुई, उसने तुरंत मामले की जांच की और 45 छात्रों के परिणाम रद्द कर दिए। इसके बाद विश्वविद्यालय ने पर्यवेक्षकों और अधीक्षकों को परीक्षा के पारिश्रमिक का भुगतान नहीं करने के साथ ही कॉलेज को परीक्षा केन्द्र के रूप से हटा देने का निर्णय लिया है।
आपको बता दें कि जंबूसर के जेएम शाह कॉलेज के एक छात्र ने यूनिवर्सिटी को शिकायत लिखी थी कि हमारे कॉलेज में यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं में बड़े स्तर पर सामुहिक नकल होती है।विद्यार्थी ने पत्र लिखकर विश्वविद्यालय को जिनके टी ताकि मामले की उचित जांच हो सके। इस प्रकार, यह शिकायत मिलने पर, विश्वविद्यालय ने तुरंत कॉलेज से सीसीटीवी जांचने के आदेश दिया। इन जांच में पता चला कि 13 मई 2022 को परीक्षा कक्ष संख्या सात व आठ में परीक्षक की उपस्थिति में 45 विद्यार्थी पर्चियों, कापियों व पुस्तकों सहित साहित्य की उत्तर पुस्तिकाओं में उत्तर लिखते दिखे। इस प्रकार, सामूहिक नकल का एक मामला स्पष्ट रूप से प्रतिबद्ध पाया गया। इस पर विश्वविद्यालय ने तुरंत छात्रों के साथ पर्यवेक्षक और अधीक्षक की सुनवाई की। जिसके बाद सामूहिक नकल का मामला दर्ज कर कार्रवाई की गई। जिसमें 45 छात्रों का परिणाम रद्द कर दिया गया है तथा साथ ही महाविद्यालय से परीक्षा केन्द्र निरस्त कर दिया गया है। अब इस कॉलेज के छात्रों को पास के कॉलेज में जाकर परीक्षा देना पड़ेगा। 45 छात्र अगली विश्वविद्यालय परीक्षा में यानी एटीकेटी परीक्षा फॉर्म भरकर फिर से सभी परीक्षाएं दे सकेंगे।
एक अन्य मामले में जब विश्वविद्यालय उत्तर पुस्तिका को ऑनलाइन स्कैन और चेक कर रहा है, तो बीकॉम तृतीय वर्ष के एक छात्र को एक फटी हुई उत्तर पुस्तिका मिली। हालांकि इस छात्र ने सुपरवाइजर से फटी उत्तरपुस्तिका बदलने को कहा। लेकिन परीक्षक ने ऐसा नहीं किया। जिससे छात्र को फटी उत्तरपुस्तिका में लिखना पड़ा। इस बीच जब उत्तरपुस्तिका की ऑनलाइन जांच की गई तो उसमें फटे पन्ने नजर आए। इसलिए विश्वविद्यालय ने कदाचार का मामला दर्ज कर कार्रवाई की, जिसमें छात्र पर 500 का जुर्माना लगाया गया।

Tags: