
सूरत : उकाई बांध में दो हाइड्रो युनिट बंद पडे
By Loktej
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उकाई बांध में 46 हजार क्युसेक की आय के सामने तापी नदी में बिजली उत्पादन के लिए 17 हजार क्युसेक पानी का डिस्चार्ज
उकाई बांध के 6 हाईड्रो युनिटों द्वारा मानसून के दौरान करोडो रुपये की बिजली उत्पादन होती है
उकाई बांध के स्तर और सतह को बनाए रखने के लिए आवश्यक छह पनबिजली इकाइयों में से दो बड़ी इकाइयां सही समय पर खराब हो गई थीं। ये दोनों क्षतिग्रस्त इकाइयां 24 घंटे बाद भी काम नहीं कर रही हैं।
उकाई बांध का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनके खेतों के लिए पानी और फिर शहरी क्षेत्रों और उद्योगों को पानी की आपूर्ति करना है। साथ ही शहरवासियों को बाढ़ से बचाना है। इसलिए यदि स्थिति बिगड़ती है या नियंत्रण में रखने की आवश्यकता होती है, तो उकाई बांध से पानी छोड़ने के तीन विकल्प हैं। उससे निर्णय लिए जाते हैं। इन तीन विकल्पों में पहला है स्लुइस गेट खोलना, दूसरा है बाएं और दाएं किनारे की नहरों में पानी छोड़ना, और तीसरा है चार बड़े और दो छोटे हाइड्रो में पानी छोड़ कर सतह को बनाए रखना। इन तीन विकल्पों में से, उकाई बांध के अधिकारी पानी को हाइड्रो युनिटों में छोड़ने का विकल्प पसंद करते हैं। क्योंकि 24 घंटे 25,000 क्यूसेक पानी छोडा जाता है तो बांध की सतह को नीचे ले जाया जाता है। इसीके बाढ़ का कोई खतरा नहीं होता है और बिजली भी पैदा होती है। जिससे बांध की सतह और नियम स्तर दोनों बनाए रखने के साथ पानी भी जमा हो जाता है। मानसून के चार महीनों के दौरान डेम ओथोरिटी बांध से हाईड्रो युनिट में अधिक से अधिक पानी छोड़ कर सतह-रोल स्तर को बनाए रखती हैं। जब भारी बारिश होती है और हाइड्रो से निकलने के बाद भी इसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। तभी दरवाजा खुलता है।
चूंकि इस साल की पहली बारीश में ही डेम ओथोरिटी को मुसीबत का सामाना करना पड रहा है। उकाई बांध के जल स्तर को बनाए रखने के लिए चार हाइड्रो से 25,000 क्यूसेक पानी छोड़ने का संदेश शुक्रवार को रात 10 बजे वायरल हो गया। लेकिन आखिरी समय में इस फैसले को बदल दिया गया और 25 हजार की जगह सिर्फ 12 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने का फैसला किया गया। इसके पीछे मुख्य कारण यह था कि अंतिम समय में तकनीकी खराबी के कारण चार में से दो हाइड्रो यूनिट को चालू नहीं किया जा सका। 24 घंटे के बाद भी दो जलविद्युत चालू नहीं हैं। इसलिए फैसला बदल दिया गया। हालांकि, चार में से दो हाइड्रो से 12,000 क्यूसेक पानी छोड़ना जारी है। उधर, बारिश थमने पर डेम के अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
उकाई बांध में जल राजस्व घटकर 46,000 क्यूसेक
उकाई बांध के जलग्रहण क्षेत्र में पिछले 24 घंटों में 51 रेन गेज स्टेशनों पर कुल 180 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि काकडिआंबा, उकाई, टेस्का, चोपडाव में 1 इंच बारिश हुई। अपस्ट्रीम हथनूर बांध से भी 36 गेटों से पानी छोड़े जाने को घटाकर 44000 क्यूसेक कर दिया गया। जैसे-जैसे बारिश रुकी और पानी छोड़ना भी कम हुआ, उकाई बांध में पानी की आय आज कम हो गई। यह सुबह छह बजे 55 हजार क्युसेक से घटकर 12 घंटे बाद देर शाम छह बजे 44 हजार क्यूसेक हो गया। और सतह 332.5 फीट दर्ज की गई। और रोल लेवल 333 फीट से सतह सिर्फ आधा फीट दुर है ।
उकाई बांध में चार बड़ी, दो छोटी सहित 6 पनबिजली इकाइयां हैं
जब उकाई बांध बनाया गया था, तब बिजली को ध्यान में रखते हुए हाइड्रो यूनिट भी बनाए गए थे। उकाई बांध के पास कुल छह पनबिजली इकाइयां हैं। जिसमें चार यूनिट ऐसी हैं जो एक यूनिट में 75 मेगावाट बिजली पैदा कर सकती हैं। तो अन्य दो इकाइयाँ छोटी हैं। जिसमें एक यूनिट 2.5 मेगावाट मिलाकर दोनो छोटी युनिटों से पांच मेगावाट बिजली पैदा करती है। पिछले दो वर्षों में भारी बारीश के संरक्षण में लगातार हाइड्रो चलाने से करोड़ों रुपये की बिजली पैदा हुई।
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