सूरत : मिट्टी की 9 फीट , पीओपी-फाइबर की 5 फीट से अधिक ऊंचाई वाली श्रीजी की प्रतिमा पर प्रतिबंध

सूरत :  मिट्टी की 9 फीट , पीओपी-फाइबर की 5 फीट से अधिक ऊंचाई वाली श्रीजी की प्रतिमा पर प्रतिबंध

कृत्रिम तालाब व समुद्र ही विसर्जन होगा

 मिट्टी या पीओपी से बनी गणेश प्रतिमा को तापी नदी में विसर्जित नहीं किया जाएगा
महाराष्ट्र के बाद गुजरात में सबसे अधिक श्रीजी की प्रतिमा सूरत में स्थापित होता हैं। सूरत शहर में भगवान गणपति की हजारों मूर्तियां स्थापित किया जाता है। पुलिस आयुक्त की ओर से गणेश उत्सव को लेकर अधिसूचना जारी की गई है। जिसमें गणेश उत्सव के दौरान कुछ अहम मुद्दों का जिक्र किया गया है। यदि नगर में मिट्टी की मूर्ति हो तो नौ फुट ऊंची होनी चाहिए। इससे अधिक ऊंचाई होने पर कार्रवाई की जाएगी। पीओपी और फाइबर की मूर्ति केवल पांच फीट की होनी चाहिए। इसके साथ ही श्रीजी की मूर्तियों का विसर्जन कृत्रिम सरोवर और समुद्र में करना होगा। 
 कृत्रिम तालाब का निर्माण किया जाएगा
तापी नदी में मिट्टी या पीओपी से बनी गणेश प्रतिमा का विसर्जन नहीं किया जाएगा। प्रत्येक मूर्ति को कृत्रिम झील और समुद्र में ही विसर्जित किया जाएगा। सूरत नगर निगम तापी नदी के किनारे अलग-अलग ओवारा के पास एक कृत्रिम झील का निर्माण करेगा।
श्रीजी की प्रतिमा बनाने में किसी भी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। किसी बड़ी मूर्ति पर रसायनों के अत्यधिक प्रयोग से प्रकृति को नुकसान होता है। इसलिए गाइड लाइन का पालन करना अनिवार्य है। पर्यावरण को किसी भी प्रकार की क्षति या खतरे से बचाने के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।घोषणा के अनुसार प्रत्येक गणपति मंडलों को स्थापना से लेकर विर्सजन तक नियमों का पालन करना होगा।
सूरत गणेश उत्सव समिति के अध्यक्ष अनिल बिस्किटवाला ने कहा कि गणेश उत्सव को बेहद शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित करने की तैयारी की गई है, जिससे कानून व्यवस्था बनी रहे। किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे इसका विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। उत्सव के साथ-साथ गणेश उत्सव का आयोजन इस प्रकार किया जा रहा है कि प्रकृति को कोई नुकसान न हो। गणेश विसर्जन के दौरान तापी नदी में विसर्जन और लाउड स्पीकर बजाना भी प्रतिबंधित है। सूरत शहर के पुलिस आयुक्त द्वारा जारी अधिसूचना का कड़ाई से पालन करना आवश्यक है।
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