सूरत : दक्षिण गुजरात में लेप्टोस्पायरोसिस सर्च टीम को बुखार के १८,५८९ केस मिले

सूरत : दक्षिण गुजरात में लेप्टोस्पायरोसिस सर्च टीम को बुखार के १८,५८९ केस मिले

१२,१७२ घरों में हुआ सर्वे, साल 2021 में कुल १९ लेप्टो. मरीजों में से तीन मरीजों की मौत ग्रामीण इलाकों में हुई थी

 सूरत समेत दक्षिण गुजरात में चौथी लहर में कोरोना के मामले दर्ज किए जा रहे हैं। ऐसे समय में दक्षिण गुजरात में लेप्टो के मरीज को खोजने के लिए गई स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल टीम ने १२,१७,१२७ घरों में जाकर सर्वे करने पर बुखार के १८,५८९ केस मिले हैं। लेकिन अभी तक दक्षिण गुजरात में लेप्टोस्पायरोसिस का एक भी मामला सामने नहीं आया है। दक्षिण गुजरात में मानसून में लेप्टोस्पायरोसिस घातक हो जाता है। हालांकि, लेप्टो का नाम सुनते ही खेत मजदूर घबरा जाते हैं। जबकि पिछले साल २०२१ में दक्षिण गुजरात में कुल १९ मरीजों में ३ मरीजों की मौत हो गई थी। जिसमें ८ में से ३ मरीजों की मौत सूरत जिले में हुई। 
आर.डी.डी. आर.जेसवानी के मार्गदशर्न के तहत  लेप्टोस्पायरोसिस के नियंत्रण के लिए महामारी विज्ञान अधिकारी डॉ. केतनभाई परमार के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल टीम ने दक्षिण गुजरात के सभी जिलों में जाकर 15 जून से अब तक १२१७१२७ घरों का सर्वे किया। जिसमें स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल टीम द्वारा बुखार से पीड़ित १८५८९ लोगों को दवा देकर  इलाज किया गया। पता चला है कि जरूरतमंद कुछ लोगों का कोरोना टेस्ट भी किया गया है। जबकि सूरत में बुखार के ५३७८, तापी में १००४, नवसारी में ९३७८ और वलसाड में २८२९ मामले सहित कुल १८५८९ मामले मिले। हालांकि, महत्वपूर्ण बात यह है कि दक्षिण गुजरात में अब तक लेप्टोस्पायरोसिस का एक भी मामला सामने नहीं आने पर प्रशासन ने राहत महसूस की है। हालांकि सर्वे कार्य के चलते सभी जिलों में लेप्टो मामलों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है।
चोकबाजार के पुराने सिविल अस्पताल स्थित आरडीडी कार्यालय में 15 जून से कंट्रोल रूम शुरू कर दिया गया है। डॉक्टर ने कहा कि हालांकि, सूरत, तापी, नवसारी, वलसाड और डांग में रोग फैल गई है। क्षेत्र के स्वास्थ्य कर्मी तुरंत कंट्रोल रूम को सूचना दें। ताकि तत्काल महामारी से बचाव के अभियान चलाए जा सकें।
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