सूरत : सरकारी विद्यालय की अनोखी पहल, छात्राएं जन्मदिन पर चॉकलेट या केक नहीं बल्कि बांटती हैं साबुन, लगाती हैं पेड़

सूरत : सरकारी विद्यालय की अनोखी पहल, छात्राएं जन्मदिन पर चॉकलेट या केक नहीं बल्कि बांटती हैं साबुन, लगाती हैं पेड़

सूरत नगर प्राथमिक शिक्षा समिति द्वारा संचालित भटार के डॉ सीएम देसाई प्राथमिक विद्यालय की अनोखी पहल, स्वच्छता के साथ साथ पर्यावरण के प्रति जागरूकता करने के लिए उठाया गया ये कदम

कोरोना के आने के साथ ही स्वच्छता और सफाई का महत्व सबको समझ आ गया। अब सूरत के एक सरकारी स्कूल में बच्चों ने कोरोना के दौरान घोषित हाथ धोने के नियमों का पालन करना आदत बना ली है। इसीलिए स्कूल ने कोरोना के बाद शुरू हुए स्कूल में साबुन बैंक की स्थापना की है। इसके अलावा, पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए पक्षियों और वृक्षारोपण के लिए एक अन्य बैंक भी है। यह गतिविधि छात्रों के जन्मदिन के अवसर पर की जा रही है ताकि बच्चे इन सभी गतिविधियों में सीधे और भावनात्मक रूप से शामिल हो सकें।
सूरत नगर प्राथमिक शिक्षा समिति द्वारा संचालित भटार के डॉ सीएम देसाई प्राथमिक विद्यालय के छात्रों के जन्मदिन की बात आती है तो स्कूल छात्रों के जन्मदिन को अनोखे तरीके से मनाता है। स्कूल ने बर्थडे गर्ल के लिए क्राउन के साथ बर्थडे फोटो के लिए स्पेशल स्कार्फ बनाया है। जिस छात्र का जन्मदिन होता है उसे इस कमरे में जाकर बधाई दी जाती है। जन्मदिन की लड़की अपना जन्मदिन मनाने के लिए स्कूल में चॉकलेट या केक नहीं लाती बल्कि साबुन और चिड़ियों के लिए दाना लाती है। स्कूल ने कोरोना के बाद साबुन बैंक की स्थापना की है जिसमें साबुन दान किया जाता है जबकि पक्षियों के लिए दाना बैंक भी स्थापित किया गया है।
इस बारे में स्कूल की प्रिंसिपल भूमिका पटेल का कहना है कि कोरोना के बाद जब स्कूल दोबारा खुला तो छात्रों को हाथ धोना पड़ता था। इसके लिए कमेटी की ओर से हैंड वाश की व्यवस्था की जाती है। लेकिन हमने सोप बैंक को स्थायी बनाने का फैसला किया है ताकि हमारे स्कूल के छात्र इस स्वच्छता और सतर्कता अध्ययन में सीधे शामिल हो सकें। अब जब भी किसी बच्ची का जन्मदिन होता था तो पहले ये चॉकलेट लाते थे पर अब उन्हें चॉकलेट की जगह साबुन देने के लिए राजी किया गया। आश्चर्य की बात ये है कि सभी माता-पिता और छात्रों ने तुरंत हमारे सुझाव को स्वीकार कर लिया। कोई भी छात्र जिसका जन्मदिन होता है, वह चॉकलेट के बजाय कम से कम एक बार साबुन और चना बैंक के लिए कम से कम एक मुट्ठी चना लाता है। साथ ही जन्मदिन पर छात्रा परिसर में एक वृक्ष लगाती है। इस प्रकार की गतिविधि न केवल छात्रों को स्वच्छता और जीवन देने वाला पाठ सिखाती है, बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा कर सकें।
सूरत नगर प्राथमिक शिक्षा समिति के विद्यालयों में दानदाता विभिन्न प्रकार का चंदा दे रहे हैं, उसी प्रकार भातर के इस विद्यालय में कम्यूटर जैसे उपकरणों के साथ अन्य दान भी आ रहे हैं। हालांकि स्कूल आने वाले लोगों की भी कोशिश रहती है कि स्कूल के शिक्षकों और प्रिंसिपल द्वारा ज्यादा से ज्यादा साबुन दान में दिया जाए। इसी प्रयास से इस स्कूल के साबुन बैंक में लगातार साबुन आ रहे हैं और छात्र साबुन से हाथ धो रहे हैं।