
सूरत : स्वैच्छिक सेवानिवृत्त नगर सर्वेक्षण अधीक्षक कार्यालय जिला निरीक्षक व पुत्र की गिरफ्तारी
By Loktej
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एसीबी की जांच से पता चलता है कि विठलभाई डोबरिया ने अपने बेटे विपुल से मुलाकात की और अपने गृहनगर केशोद में दो फ्लैट, जमीन और टाटा सफारी खरीदी।
22.59 लाख रुपये की आय से अधिक संपत्ति के लिए एसीबी ने गिरफ्तार किया
सूरत एसीबी ने कल एक जिला निरीक्षक और उसके बेटे को 22.59 लाख रुपये की आय से अधिक संपत्ति मिलने के बाद गिरफ्तार किया था, जो एक जिला निरीक्षक की 22.59 लाख रुपये की संपत्ति थी, जो सूरत में शहर के सर्वेक्षण अधीक्षक कार्यालय से पांच साल पहले स्वेच्छा से सेवानिवृत्त हुए थे। जिला निरीक्षक विठलभाई डोबरिया ने अपने बेटे विपुल के साथ अपने गृहनगर केशोद में दो फ्लैट, जमीन और एक टाटा सफारी खरीदी।
एसीबी के सूत्रों से प्राप्त विवरण के अनुसार विठलभाई खिमजीभाई डोबरिया, जो मार्च 2017 में स्वेच्छा से सेवानिवृत्त हुए और 1 अप्रैल, 2013 से 31 मार्च, 2017 तक सूरत के नगर सर्वेक्षण अधीक्षक कार्यालय में जिला निरीक्षक (भूमि अभिलेख) के रूप में कार्यरत थे। भ्रष्टाचार की जांच शुरू कर दी है। जांच से पता चला कि विठलभाई ने अपने बेटे विपुल की मदद से अचल और चल संपत्ति में निवेश करके आय से अधिक संपत्ति अर्जित की थी। आगे की जांच से पता चला कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान आय के स्रोत से 22,58,806, रुपये यानी 59.94 प्रतिशत अधिक की आय से अधिक संपत्ति अर्जित की थी।
विठलभाई खिमजीभाई डोबरिया (उम्र 63) और उनके बेटे विपुल (दोनों निवासी फ्लैट नंबर 103-104, शुभम हाइट्स, महेश नगर, एसटी डिपो के पास, केशोद, जिला जूनागढ़ में रहते हैं) एसीबी की जांच से पता चला कि वि_लभाई ने आय को स्थानांतरित कर दिया था। उनके बेटे विपुल के खाते में आय का कोई स्रोत नहीं था और बाद में उनके नाम पर संपत्ति खरीदी। विठलभाई डोबरिया ने अपने बेटे विपुल के साथ अपने गृहनगर केशोद में दो फ्लैट, जमीन और एक टाटा सफारी खरीदी। एसीबी की जांच में यह भी पाया गया कि वि_लभाई डोबरिया ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद भी बड़ी संख्या में संपत्तियां खरीदी थीं। आगे की जांच एसीबी पीआई देसाई कर रहे हैं।
मेपल विला के 12 भूखंडों के मूल दस्तावेज गायब होने के मामले में बेटे विपुल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
उमरा पुलिस ने सबूतों के अभाव में जिला निरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की लेकिन आवेदन मिलने के बाद एसीबी ने जांच शुरू कर दी।
सूरत : नगर सर्वेक्षण अधीक्षक कार्यालय सूरत में बिल्डर नीलेश वरण (जिला निरीक्षक (भूमि अभिलेख) विठलभाई डोबरिया के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति दर्ज करने के अपराध के पीछे सूरत) को याचिकाओं के लिए जिम्मेदार पाया गया है। सूत्रों के अनुसार 12 प्लाटों के मूल दस्तावेज गायब होने के मामले में बिल्डर नीलेश वनपरिया ने 20 अगस्त 2019 को सूरत में महेश छगनभाई मुंगलपारा, महेशकुमार घनजी सुतारिया, विठलभाई डोबरिया और उनके बेटे विरापुल के खिलाफ 20 अगस्त 2019 को शिकायत दर्ज कराई थी। कामरेज तालुका में मेपल विला के उमरा पुलिस ने 22 अगस्त को महेश मुंगलपारा, महेशकुमार सुतारिया और विपुल को गिरफ्तार किया था। जबकि सबूतों के अभाव में वि_लभाई के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। लेकिन नीलेश द्वारा उनके खिलाफ याचिका दायर किए जाने के बाद गृह विभाग ने एसीबी को जांच का निर्देश दिया।
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