सूरत : सिविल अस्पताल को मिला एनएबीएच एक्रेडिटेशन सर्टिफिकेट, सुविधाओं की कमी के बावजूद सर्टिफिकेट: आप नेता

सूरत : सिविल अस्पताल को मिला एनएबीएच एक्रेडिटेशन सर्टिफिकेट, सुविधाओं की कमी के बावजूद सर्टिफिकेट: आप नेता

भारतीय गुणवत्ता परिषद के संविधान बोर्ड द्वारा प्रमाणित, वर्चुअल इंस्पेक्शन के बाद सीबीक्यूसीआई द्वारा जारी सर्टिफिकेट को लेकर सवाल उठे

एनएबीएच प्रमाणपत्र प्राप्त करने से पहले 167 मानदंडों से गुजरना पड़ता है, आप नेता ने कहा कि निरीक्षकों की टीम ने सिविल अस्पताल का दौरा नहीं किया
सूरत न्यू सिविल अस्पताल को एनएबीएच एक्रिडिटेशन सर्टिफिकेट मिल गया है। अस्पताल के अंदर प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के लिए भारतीय गुणवत्ता परिषद के संविधान बोर्ड द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किए जाते हैं। हालांकि वर्चुअल इंस्पेक्शन के बाद जारी सर्टिफिकेट को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। आप नेता धर्मेश भंडारी ने कहा कि सिविल अस्पताल में सुविधाओं का अभाव होने के बावजूद प्रमाण पत्र मिलने पर शंका होना स्वाभाविक है।
अस्पताल में मरीजों को दी जाने वाली सुविधाएं, बायोमेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल सिस्टम, क्लिनिकल, पैरा-क्लिनिकल, संक्रमण नियंत्रण समिति, फार्मेसी और दवाओं की आपूर्ति, डायग्नोस्टिक सुविधा, समय-समय पर मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ को दिया जाने वाला प्रशिक्षण, रिकॉर्ड प्रबंधन आदि ठीक से बनाए रखा जाता है। एनएबीएच प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए आपको 167 मानदंडों से गुजरना होगा। नए सिविल अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक गणेश गोवेकर ने बताया कि भावनगर के बाद सूरत नवी सिविल अस्पताल को सर्टिफिकेट मिला है, जिससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ेगा। मरीजों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देने का प्रयास किया जाएगा और प्रधानमंत्री की स्वास्थ्य उन्मुख योजनाओं में 10 फीसदी का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। 
आप नेता धर्मेश भंडारी ने कहा कि एनएबीएच सर्टिफिकेट मिलने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। प्रमाण पत्र जारी करने वाले निरीक्षकों की टीम सिविल अस्पताल नहीं गई। केवल वर्चुअल डेटा एकत्र किया गया है और मरीजों को उपलब्ध सुविधा के लिए मोबाईल के कैमरे को देखकर यह प्रमाण पत्र जारी किया गया है। निरीक्षण दल को सिविल अस्पताल के स्टाफ ने ऑनलाईन मोबाइल से दिखाया है कि यहां के हालात क्या हैं। बड़ा सवाल है कि इसमें कितनी सच्चाई होगी। मरीजों से यह भी पूछा गया कि कितनी उचित सुविधा उपलब्ध है। सिविल अस्पताल के स्टाफ ने भी तय किया कि किस मरीज को पूछना है। यह भी संदेहास्पद है कि क्या ऐसी स्थिति में उचित प्रतिक्रिया मिलती।
समय-समय पर सिविल अस्पताल विवादों में रहता है। हाल ही में बच्चों के वार्ड में भी पंखे जैसी सामान्य सुविधाओं का अभाव था। यहां तक ​​कि पीएम के कक्ष व अस्पताल के अन्य वार्डों में भी यदि ऑपरेशन कक्ष में समय-समय पर कुत्ते भौंकते, स्लैब के गोले देखे जाते हैं तो ऐसी व्यवस्थाओं के बीच नए सिविल अस्पताल को एनएएचबी प्रमाण पत्र मिलने पर संशय अवश्य होता है।
Tags: