सूरत : भरूच में तेंदुए की संदिग्ध मौत, जहर देने के आरोपों के बीच बड़ा खुलासा

सूरत  : भरूच में तेंदुए की संदिग्ध मौत, जहर देने के आरोपों के बीच बड़ा खुलासा

वालिया तालुका में तेंदुए पर लेपर्ड एम्बेसडर टीम द्वारा गहराई से अध्ययन किया गया था

 वालिया तालुका के मेरा गांव में एक खेत से एक संदिग्ध तेंदुए की मौत के बाद साढ़े चार साल से नजर रख रहे लेपर्ड एम्बेसडर टीम  के एक सदस्य ने तेंदुए को जहर देने के आरोप से अनेक तर्क-वितर्क होने लगे हैं। हालांकि, वालिया वन विभाग ने निष्कर्ष निकाला है कि तेंदुए की मृत्यु डी-हाइड्रेशन के कारण हुई थी।
वालिया तालुका में गन्ना और मक्का के खेत पानी और भोजन  के कारण तेंदुओ का अड्डा बन गया है। वालिया तालुका में तेंदुए पर  लेपर्ड एम्बेसडर टीम द्वारा गहराई से अध्ययन किया गया था। पिछले साल 2018 में नेत्रंग वन विभाग ने वालिया के दानसोली गांव में लोहे के पिंजरे में बंद पैंगोलिन की पूंछ तोड़ दी थी। आखिरकार, वन विभाग ने उन्हें उसी खेत में छोड़ने का फैसला किया, क्योंकि वे शिड्यूल वन के प्राणी थे। वालिया तालुका में कैमरों से ट्रेपिंग करती लेपर्ड एम्बेसडर टीम ने  इस तेंदुए पर शोध करने का फैसला किया था।
इस तेंदुए का नाम 'ब्रोकन तेल' रखा गया था। जो डणसोली, गांधु, करा, मेरा, घोडा, एवं पड़ोसी मंगरोल के गीजराम, आमलडेरा सहित 22 किमी. कार्यक्षेत्र में घूम रहा था। यह तेंदुआ अब तक 3 बार गर्भवती होने के बाद 8 शावकों को जन्म दे चुकी है। तेंदुए कीलेपर्ड एम्बेसडर टीम के सदस्य कौशल मोदी और चेतन जोशी सहित टीम ने इस तेंदुए के मानव बस्तियों, खेतों तथा अनेकों बार भोजन के लिए बकरी, बछड़ा मारने का 120 बार  डाक्यूमेन्ट किया था। लेकिन सौभाग्य से एक बार भी तेंदुए ने किसी व्यक्ति पर हमला नहीं किया था। इस तेंदुए की रहस्यमयी मौत 28 अप्रैल को मेरा गांव में हुई थी।
गौरतलब है कि मेरा गांव में डी-हाइड्रेशन की समस्या नहीं आती है क्योंकि इसके बगल में बारहमासी किम नदी और उकाई नहर है। साथ ही, तेंदुए की संदिग्ध मौत मामले में एफएसएल की जांच नहीं करने के लिए प्रशासन के खिलाफ संदेह पैदा होता है।
वैज्ञानिक तरीके से विश्लेषण किया जाए तो सही समाधान निकलेगा : कौशल मोदी
इस संबंध में लेपर्ड एम्बेसडर की शोध टीम के कौशल मोदी ने कहा कि तेंदुए की मौत संदिग्ध तरीके से हुई मानी जा रही है। आशंका जताई जा रही है कि उसे जहर दिया गया होगा। अगर वैज्ञानिक तरीके से विश्लेषण किया जाए तो सटीक समाधान निकलेगा। हालांकि, इस तेंदुए ने कभी इंसानों पर हमला नहीं किया था।
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