ग्रीष्मा हत्याकांड का फैसला आ गया; हत्यारे फेनील को मृत्युदंड

ग्रीष्मा हत्याकांड का फैसला आ गया; हत्यारे फेनील को मृत्युदंड

कोर्ट ने माना फैसला देना मुश्किल पर ये 'रेयरेस्ट ऑफ रेयर' मामला ये मात्र एक व्यक्ति का अपराध नहीं, समाज का अपराध : अदालत भले हर पापी का भविष्य होता है पर हर अपराधी वाल्मीकि नहीं हो सकता, आरोपी की मानसिकता बाजीगर फ़िल्म के शाहरुख खान के पात्र जैसी : अदालत आज जाकर मिला न्याय : ग्रीष्मा के पिता

सूरत के पसोदरा में 12 फरवरी को सार्वजनिक रूप से किए गए ग्रीष्मा वेकारिया की हत्या के मामले में कोर्ट ने हत्यारे फेनिल गोयानी को मौत की सजा सुनाई है। फैसले से पहले आज कोर्ट पहुंचे फेनेल ने जरा भी डर या अफसोस नहीं दिखाया। दोनों पक्षों के वकील के साथ ग्रीष्मा का परिवार भी कोर्ट में मौजूद था। मनुस्मृति के श्लोक से निर्णय की शुरुआत करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि सजा आसान नहीं है, लेकिन यह दुर्लभतम से दुर्लभतम मामले हैं। इसके बाद कोर्ट द्वारा आरोपी को मौत की सजा सुनाई गई।
मामले में मौत की सजा आने के बाद ग्रीष्मा का परिवार राहत में दिखाई दिया। मृतक ग्रीष्मा के पिता ने कहा कि आखिरकार ग्रीष्मा को न्याय मिला है।हमारी सभी मांगें मान ली गई हैं। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। पुलिस से लेकर मदद करने वाले सभी नेताओं को धन्यवाद। वहीं सरकारी वकील नयन सुखाड़वाला ने कहा कि अदालत ने फेनिल को मौत की सजा सुनाई गई है। साथ ही हत्या के प्रयास का भी दोषी ठहराया गया है। पीड़िता को मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया भी चल रही है।
बता दें कि 22 तारीख को पूरे दिन बहस चलती रही, सरकारी वकील ने तर्क दिया कि हमारा मामला केवल वीडियो पर आधारित नहीं था। आरोपी की आपराधिक मानसिकता थी और उसने सुनियोजित हत्या की थी। आरोपी ने फ्लिपकार्ट के जरिए ऑनलाइन पैडल ऑर्डर किया। ऑर्डर रद्द होने के बाद उसने मॉल से एक और अपने दोस्त से दूसरा चाकू खरीदा। हत्यारे ने हत्या से पहले रेकी भी की थी। अपराध के दिन वह उसे समर कॉलेज में खोजने गया था। उसने ग्रीष्मा की सहेली धृति से कहा कि वह आज ग्रिश्मा के घर जाकर कुछ बड़ा करने जा रहा है।  घटना से पहले उसने इंस्टाग्राम पर कृष्णा से बात की थी, जिससे भी हत्या करने की बात पता चली लगता है। ग्रीष्मा की हत्या के बाद फेनिप ने उसके चाचा और भाई ध्रुव को भी मारने की कोशिश की। सरकारी पक्ष ने कहा कि आरोपी ने एक होनहार युवती को एकतरफा प्यार में उसके जन्मदाता माता-पिता की आंखों के सामने मार दिया। अदालत को न केवल आरोपी की नाबालिग उम्र बल्कि अपराध की गंभीरता को भी ध्यान में रखना चाहिए। मौके पर मौजूद लोगों ने भी किसी के आगे आने पर चाकू मारने की धमकी देकर जनता को बेबस बना लिया था।
वहीं फेनिल के पक्ष में दलील करते हुए, ज़मीर शेख और अजय गोडलिया ने तर्क दिया कि मृत्युदंड के संबंध में मुख्य रूप से वैश्विक स्थिति पर मतभेद था।  पंजाब राज्य के मामले में बचाव पक्ष ने मौत की सजा को असंवैधानिक घोषित किया था।  बचाव पक्ष ने कहा कि हर संत का अपना अतीत होता है और हर पापी का अपना भविष्य होता है। आरोपी के खिलाफ उसका भविष्य भी होता है।  फिर भी, कोई विशिष्ट मानदंड या अनुपात निर्धारित नहीं किया गया है कि किसे दुर्लभ से दुर्लभतम माना जाता है। ग्रीष्मा हत्याकांड में दोषी ठहराए गए फेनिल गोयानी के बचाव में कहा गया कि आरोपी युवक है, उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और उस पर परिवार की जिम्मेदारी हैं।
ग्रीष्मा के परिवार की फाइल तस्वीर
सत्र न्यायाधीश विमल व्यास की अदालत में चल रहे ग्रीष्मकालीन हत्या मामले में वीडियो सबसे महत्वपूर्ण सबूत साबित हुआ। अदालत ने आरोपी के बचाव में दिए गए इस दलील का खंडन किया है कि हर संत का एक अतीत होता है और हर पापी का एक भविष्य होता है, यह कहते हुए कि हर अपराधी वाल्मीकि नहीं हो सकता। मामले की बात करें तक मामले पासोदरा लक्ष्मीधाम सोसायटी निवासी ग्रीष्मा वेकरिया की स्कूल कॉलेज में सहपाठी रहे फेनिल गोयाणी ने गला रेत कर हत्या कर दी थी। फेनिल ग्रीष्मा के एक तरफा प्रेम में था। इसके बावजूद सालभर से वह ग्रीष्मा को परेशान कर रहा था। ग्रीष्मा के परिजनों ने उसे समझाने का प्रयास भी किया था लेकिन वह नहीं माना। फिर शनिवार को वह ग्रीष्मा के घर पर आया और बखेड़ा शुरू कर दिया। ग्रीष्मा के भाई व ताऊ ने बीच-बचाव किया तो उन पर चाकू से हमला किया। ग्रीष्णा को चाकू की नोक पर घर से बाहर ले आया। वहां सरेआम गला काट कर उसकी हत्या कर दी। परिजनों व मौजूद दर्जनों लोगों ने उसे समझाने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं माना। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया था।
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