सूरत : स्मिमेर अस्पताल में स्टाफ को मरीजों को छोड़ टैंकर आने पर पानी भरने दौड़ना पड़ता है!

सूरत : स्मिमेर अस्पताल में स्टाफ को मरीजों को छोड़ टैंकर आने पर पानी भरने दौड़ना पड़ता है!

स्मीमेर अस्पताल में पिछले 21 दिनों से पानी की भारी समस्या से जूझ रहे हैं स्पताल के क्वार्टर में रहने वाले लोग

सूरत नगर निगम द्वारा संचालित स्मीमेर अस्पताल में पिछले 21 दिनों से पानी की समस्या विकराल रूप धारण किये हुए है। बार-बार शिकायत करने के बाद भी सिस्टम के पेट का पानी नहीं हिल रहा है और स्मीमेर अस्पताल के क्वार्टर में लोग पानी के लिए भगदड़ मचा रहे हैं। इन स्टाफ क्वार्टरों में रहने वाले लोगों ने एकमत से कहा, "क्या हमें अपनी ड्यूटी करनी चाहिए या पानी टैंकर आने पर पानी लेने जाना चाहिए?" पानी को लेकर व्यवस्था की गंभीर लापरवाही से कर्मचारियों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है।
आपको बता दें कि सूरत नगर निगम (एसएमसी) सूरत को साफ-सफाई सहित नंबर 1 बनाने की पूरी कोशिश कर रहा है। लाखों लीटर पानी कहीं बर्बाद हो जाता है, कई लीटर पानी सड़कों पर पेड़ उगाने में खर्च हो जाता है। लेकिन सूरत नगर निगम द्वारा संचालित स्मीमेर अस्पताल में लोगों को पानी के लिए व्यवस्था की ओर दौड़ना पड़ रहा है। इस स्टाफ क्वार्टर के लोगों को पिछले 21 दिनों से पीने का पानी नहीं मिल रहा है। ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि रोजाना बाहर से टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं। स्टाफ क्वार्टर में डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात छात्रों सहित करीब एक हजार लोग रहते हैं। इस समस्या को लेकर नगर पालिका ने फिलहाल टैंकरों से पानी की आपूर्ति शुरू कर दी है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या स्टाफ सदस्य अपनी नौकरी कर पाएंगे या टैंकर में पानी भर पाएंगे।
मिली जानकारी के अनुसार इससे पहले सूरत मनपा के साथ ही हाइड्रोलिक विभाग में भी स्टाफ क्वार्टर के लोगों ने दो-तीन बार सूचना दी थी। अस्पताल के डीन का भी लिखित में शिकायत दिया गया लेकिन इन सबके बाद भी इस समस्या का समाधान नहीं किया गया है। इस संबंध में स्मीमेर अस्पताल के डीन डॉ दीपक हॉवेल ने कहा कि स्टाफ क्वार्टर में पानी की समस्या से सूरत नगर निगम के हाइड्रोलिक विभाग को अवगत करा दिया गया है और उच्चाधिकारियों को भी समस्या से अवगत कराया गया है। इस समस्या को जल्द से जल्द ठीक किया जाएगा।
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