सूरत : सस्ती संपत्ति के नाम पर 3.66 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने वाला भेजाबाज पकड़ा गया

सूरत : सस्ती संपत्ति के नाम पर 3.66 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने वाला भेजाबाज पकड़ा गया

पार्टी को धन की आवश्यकता है तो यह संपत्ति आपको सस्ते में मील जाएगी ऐसा कहकर धोखेबाजी की गयी।

कुख्यात धोखेबाज को इको सेल ने गिरफ्तार किया , और एक वोन्टेड
सूरत के अडाजन में एक मल्टीनेशनल कंपनी के मैनेजर को संपत्ति सस्ते में खरीदने एक दोस्त के बेटे पर भरोसा करने में 3.66 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इस मामले में इको सेल ने आणंद से अश्विन लंगाडिया को गिरफ्तार किया है। पार्टी को धन की आवश्यकता है तो यह संपत्ति आपको सस्ते में  मील जाएगी ऐसा कहकर धोखेबाजी की गयी। आर्थिक प्रकोष्ठ द्वारा चुराए गए स्टांप पेपर के आधार पर संपत्ति के फर्जी बिक्री दस्तावेज बनाकर करोड़ों रुपये ठगने वाले कुख्यात ठग को सफलतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया गया है। 
पुलिस के मुताबिक आरोपी अश्विन लंगड़िया ने चोरी का ई-स्टांप पेपर मास्टरमाइंड उपवन उर्फ ​​बंटी पवन जैन को सौंपा था। उसने एक ई-स्टांप पेपर फर्जी दस्तावेज बनाया। इससे पहले इस मामले में दो गवाहों को गिरफ्तार किया गया था। फिर भी मुख्य कथावाचक उपवन उर्फ ​​बंटी पवन जैन के पकड़े जाने के बाद कई और मामलले सामने आ सकते हैं। मैनेजर ने पीपलोद रिवर पैलेस में एक सस्ता फ्लैट, यूनिवर्सिटी रोड पर द लीजेंड बिल्डिंग में एक फ्लैट और उधना मगदल्ला रोड पर एक कैसल ब्राउन फ्लैट मिलाकर कुल चार संपत्तियों को 3.66 करोड़ रुपये में खरीदा। 
सूरत के अडाजन में करण पार्क रो हाउस के निवासी ज्ञानचंद बजरंगलाल जैन और उनके बेटे रोहित जैन जो सूरत के इच्छापुर में एक प्लास्टिक ग्रेन्युल फैक्ट्री के मालिक हैं। अपने पारिवारिक मित्र पवन कुमार जवाहरलाल जैन के पुत्र उपवन उर्फ ​​बंटी जैन के पास वर्ष 2019 से 2021 में वेसु वीआईपी रोड पर वीआईपी प्लाजा में ऑफिस, पीपलोद के रिवर पैलेस में फ्लैट, उधना-मगदल्ला रोड पर द लीजेंड बिल्डिंग और कैसल ब्राउन कॉम्प्लेक्स का एक फ्लैट है।  पार्टी को पैसे की जरूरत होने से यह प्रोपर्टी  सबसे सस्ते दाम में मिल सकती है।  ऐसा कहकर फर्जी बिक्री दस्तावेज बनाकर 3.66 करोड़ ऐठ लिए गए।
इस मामले में पुलिस ने आरोपी उपवन की तलाशी करने के साथ स्टैंप पेपर की जांच की जो द लीजेंड बिल्डिंग का बिक्री दस्तावेज था। स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से 2014 में स्टैंप पेपर चोरी हो गया था और इसकी शिकायत अठवालाइन पुलिस में दर्ज कराई गई थी। इसलिए पुलिस ने स्टेम्प पेपर चोरी करनेवाले अश्विन करमशी लांगड़िया और चेतन रमेश मांगरोलिया पर केंद्रित की जिन्होंने स्टांप पेपर चुराया था। अश्विन जो उपवन जैन के संपर्क में था उससे पूछताछ में पता चला की उनके बीच बैंक लेनदेन भी हुआ था जिसके आधार पर उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया है ।
पुलिस ने पहले आरिफ गुलशेर खान पठान और नरेश केशव वाधेल को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने मामले में गवाह के रूप में फर्जी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए थे। जब उपवन जैन को हाल ही में वांछित घोषित किया गया, तो उपवन जैन और स्टांप पेपर चोर अश्विन लंगड़िया दोनों ने रुपये की पेशकश की। 3.66 करोड़ रुपये का घोटाला करने वाले उपवन जैन को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। उपवन और अश्विन दोनों दोस्त हैं और उन्होंने मोबाइल पर और बैंकों के माध्यम से वित्तीय लेनदेन भी किया था।
 
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