सूरत : रिंगरोड का फ्लाईओवर ब्रिज अब भी इतने दिन उपयोग में नहीं लिया जा सकेगा, मरम्मत का काम बढ़ा

सूरत :  रिंगरोड का फ्लाईओवर ब्रिज अब भी इतने दिन उपयोग में नहीं लिया जा सकेगा, मरम्मत का काम बढ़ा

अभी तक मुश्किल से 50 प्रतिशत काम पूरा हो पाया है

डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर फ्लाईओवर ब्रिज (रिंग रोड) जो जून 2000 में सूरत शहर में यातायात समस्या को हल करने के लिए खोला गया था, जो मरम्मत के लिए दो महीने के लिए बंद कर दिया गया है और 9 मार्च से 8 मई तक ब्रिज के रिपेयरिंग काम चलने से बिर्ज का उपयोग बंद रहने की सार्वजनिक अधिसूचना लागू कर दी गई है। हालांकि, मरम्मत कार्य में आने वाली कठिनाइयों को देखते हुए, तकरीबन एक माह ब्रिज को बंद करने की समय सीमा बढ़ जाये, ऐसा लग रहा है।  क्योंकि घोषणा को पूरा होने में केवल 16 दिन शेष हैं और मुश्किल से 50 प्रतिशत काम पूरा हो पाया है। 
रिंग रोड फ्लाईओवर ब्रिज की मरम्मत का काम मई के अंत तक बढ़ाए जाने की संभावना है। दो महीने में मरम्मत का काम पूरा करना था, डेढ़ महीने में उम्मीद के मुताबिक 50 फीसदी ही काम पूरा हो पाया है। यातायात और अन्य कारणों से मरम्मत कार्य में कठिनाई आ रही है। मई के अंत तक काम पूरा होने की उम्मीद है। 
डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर ब्रिज, जिसे रिंग रोड फ्लाईओवर के नाम से भी जाना जाता है, सूरत के सबसे व्यस्त पुलों में से एक है। ब्रिज बनने के बाद से मामूली मरम्मत का काम किया गया है। लेकिन वर्तमान में इस पुल की सुपरस्ट्रक्चर लिफ्टिंग के साथ बेयरिंग को बदलने की तत्काल आवश्यकता है। चूंकि ऑपरेशन को अनिवार्य किये जाने से पुल को दो महीने के लिए बंद करने की मनपा कमिश्नर बंछानिधि पाणी ने अधिसूचना जारी की थी। ब्रिज की कुल 82 बेयरिंग्स की मरम्मत की जानी थी, जिसे दो महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, जो सतत ट्राफिक एवं अन्य परिबलों के कारण काम में कठिनाई आने से अभी मई के अंत तक काम पूरा होने की संभावना नहीं है। कारण कि अभी 45 बेयरिंग बदले जा चुके हैं।  मुख्य कारण यह है कि बेयरिंग को बदलने के लिए पुल के स्पान को जैक की मदद से ऊपर उठाना पड़ता है और काम करने वाली एजेंसी द्वारा लगाए गए जैक ठीक से काम नहीं करते हैं, जिससे नये जैक बनाने पढ़ रहे हैं, जिसमें समस लग रहा है।  
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