सूरत : हार के डर से भाजपा जल्दी चुनाव कराने की तैयारी में : आप नेता इशुदान गढवी

सूरत :  हार के डर से भाजपा जल्दी चुनाव कराने की तैयारी में :  आप नेता इशुदान गढवी

आम आदमी पार्टी के नेता इसुदान गढ़वी सूरत के दौरे पर हैं। उन्होंने पिछले दिन से सूरत में सोसायटीयों में बैठकों का सिलसिला शुरू किया है

आम आदमी पार्टी के प्रदेश स्तर के नेता इशुदान गढवी ने कहा कि  यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि गुजरात में प्राथमिक स्तर के पेपर भी फट रहे हैं
सूरत आम आदमी पार्टी के नेता इसुदान गढ़वी सूरत के दौरे पर हैं। उन्होंने पिछले दिन से सूरत में बैठकों का सिलसिला शुरू किया है। उनके द्वारा सोसायटियों में बैठकें भी की जा रही हैं। सूरत में आम आदमी पार्टी को सांगठनिक रूप से मजबूत करने का प्रयास किया गया है। शुक्रवार को इसुदान गढ़वी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया जिसमें कुछ अहम मुद्दों को उठाया गया। हार्दिक ने भी बीजेपी की तारीफ की जिस पर इसुदान ने अपनी प्रतिक्रिया दी। 
इसुदान गढ़वी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी आम आदमी पार्टी के डर से जून में पहली बार चुनाव की तैयारी कर रही है। जिससे भारतीय जनता पार्टी के नेता लगातार गुजरात आ रहे हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी जल्द चुनाव के लिए तैयार है, जोरदार तरीके से लड़ने को तैयार है। इस बार चुनाव लोगों बनाम खास लोगों के बीच होगा। आम आदमी पार्टी के सक्रिय होने से शिक्षा जैसे मुद्दे गुजरात की राजनीति में प्रवेश कर गए हैं।
हार्दिक पटेल की भारतीय जनता पार्टी की तारीफ करने के मुद्दे पर इसुदान गढ़वी ने कहा कि ये वही हार्दिक पटेल हैं जिन्हें भारतीय जनता पार्टी ने कई रूपकों से संबोधित किया। उन्होंने हार्दिक को लेकर कई तरह के बयान भी दिए। भारतीय जनता पार्टी की मानसिकता है कि जो कोई भी उनकी पार्टी में शामिल होता है उसे दूध से धोया जाता है। फिर इसमें कुछ गलत नहीं है। वही बीजेपी नेता भूपेंद्र सिंह चुडासमा हार्दिक पटेल को बीजेपी में शामिल होने का न्योता दे रहे हैं।
राज्य में लगातार हो रहे पेपर चोरी होने और लीक होने के बाद इसुदान गढ़वी ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है। इसुदान गढ़वी ने कहा कि अगर सातवीं कक्षा के पेपर भी सुरक्षित रखने की व्यवस्था नहीं है तो मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। प्रदेश में परीक्षा पेपरों के लिक होने का सिलसिला लगातार जारी है। राज्य सरकार शिक्षा को लेकर कितनी गंभीर है यह लगातार लोगों के सामने आ रहा है। गुजरात की राजनीति में यह पहला मौका है जब शिक्षा को लेकर इस तरह की चर्चा हो रही है।

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