सूरत : रफ डायमंड सप्लायर अलरोसा पर बैन से सूरत हीरा उद्योग में भुगतान संकट बढ़ा

सूरत :  रफ डायमंड सप्लायर अलरोसा पर बैन से सूरत हीरा उद्योग में भुगतान संकट बढ़ा

रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद अंतरराष्ट्रीय हीरा उद्योग को कच्चे हीरे की आपूर्ति बाधित हो गई है

जीजेईपीसी ने गुजरात सरकार से हस्तक्षेप करने और कोई रास्ता निकालने की अपील की
रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद अंतरराष्ट्रीय हीरा उद्योग को कच्चे हीरे की आपूर्ति बाधित हो गई थी। हालांकि, रूसी हीरा आपूर्तिकर्ता अलरोसा पर हाल ही में अमेरिकी प्रतिबंध से सूरत और गुजरात सहित पूरे भारत में हीरा उद्योग में आने वाले दिनों में कच्चे हीरों की कमी पैदा होगी। प्रतिबंधित एलरोसा कंपनी दुनिया के लगभग 30 प्रतिशत कच्चे हीरे की आपूर्ति करती है, इसके सबसे बड़े ग्राहक सूरत और मुंबई के हीरा उद्योगपतियों से आते हैं। अब मुंबई-गुजरात हीरा उद्योग को आने वाले दिनों में कच्चे हीरों की कमी का सामना करना पड़ेगा और इसकी कीमतों में नाटकीय रूप से वृद्धि होने की संभावना है। वहीं दूसरी ओर कच्चे हीरों के समानांतर तैयार हीरों की कीमतें भी इसी कारण से बढ़ेंगी, जिससे पूरे हीरा बाजार में मंदी की आशंका जताई जा रही है
हीरा उद्योग भी इस समय भुगतान संकट का सामना कर रहा है। रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के मद्देनजर दुनिया की अधिकांश कंपनियों ने अपने बैंकिंग परिचालन को निलंबित कर दिया है। भारतीय हीरा उद्योगपति दुबई, बेल्जियम के साथ-साथ भारत में कुछ निजी क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से भुगतान करके कच्चे हीरे की आपूर्ति प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों से दुबई, बेल्जियम और भारत के बैंकों से भुगतान भी बंद हो गया है, जिससे हीरा कारोबारियों को बड़ी परेशानी हो रही है। भारत और रूस के बीच पिछले एक पखवाड़े से रुपया-रूबल में आर्थिक लेन-देन की बात चल रही है। लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया है। इसलिए हीरा उद्योगपति चाहकर भी कच्चा हीरा खरीदने की स्थिति में नहीं हैं।
जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के क्षेत्रीय अध्यक्ष दिनेश नावडीया ने कहा कि सूरत, सौराष्ट्र में विकसित हीरा उद्योग की विकट स्थिति प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हीरा उद्योग में शामिल 1.5 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करने की संभावना है। अगर यही स्थिति लंबे समय तक बनी रही तो गुजरात की अर्थव्यवस्था पर भी विपरीत असर पड़ेगा। अगले दिसंबर में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं। उन्होंने गुजरात सरकार से हीरा उद्योग को संकट से बचाने के लिए हस्तक्षेप करने और तत्काल कदम उठाने की अपील की।


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