श्रीलंका में बिगड़े हुये हालातों के कारण बिगड़ी है सूरत के व्यापारियों की परिस्थिति, रुका पड़ा है 50 करोड़ से अधिक का भुगतान

श्रीलंका में आर्थिक संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। जिससे व्यापार और उद्योग भी ठप हो गए हैं। जिसका सीधा असर सूरत के कपड़ा बाजार पर पड़ रहा है। सूरत के 50 करोड़ से अधिक कपड़ा व्यापारियों का भुगतान अटका हुआ है।
सूरत को पॉलिएस्टर फैब्रिक के हब के रूप में जाना जाता है। सूरत में बने गारमेंट देश-विदेश में बिकते हैं। कई एशियाई देशों में उनके सस्ते होने के कारण सूरती कपड़ों की काफी मांग है। सूरत की साड़ियाँ और पोशाक सामग्री भी अमेरिका और यूरोप को निर्यात की जाती है। श्रीलंका में भी सूरती कपड़ों की भी काफी मांग है। सूरत में बने वस्त्र चेन्नई के व्यापारियों द्वारा खरीदे जाते हैं और श्रीलंका को निर्यात किए जाते हैं।
इस संबंध में फोस्टा निदेशक ने कहा कि सूरत से हर महीने करीब 20 करोड़ का कपड़ा श्रीलंका भेजा जाता था। कुछ श्रीलंकाई व्यापारी सूरत से सीधे कपड़ा मंगवाते थे तो कई चेन्नई के रास्ते व्यापारियों से सामान खरीदते थे। दोनों ही मामलों में बड़ी मात्रा में सूरत का कपड़ा श्रीलंका तक पहुंचता था। लेकिन श्रीलंका के बिगड़ते हालात के चलते वहां कपड़ा सामान जाना बंद हो गया है और सूरत से श्रीलंकाई कपड़े बेचने वाले व्यापारियों का पैसा फंस गया है। एक अनुमान के मुताबिक सूरत के व्यापारियों का 50 करोड़ रुपये का भुगतान श्रीलंका में फंसा हुआ है।
एक अन्य कपड़ा व्यापारी गौतम भाई ने कहा कि कई श्रीलंकाई व्यापारी सूरत के व्यापारियों से एजेंटों के माध्यम से सीधे सामान खरीदते हैं, जो मुंबई या दिल्ली के रास्ते कोलंबो पहुंचते हैं। वहां के व्यापारी सूरत से बड़े पैमाने पर साड़ी खरीदते हैं। लेकिन श्रीलंका के हालात इन दिनों और खराब हो गए हैं। रुपये के अवमूल्यन के कारण वहां से भुगतान आना बंद हो गया है। जिससे यहां के कई व्यापारियों को भुगतान नहीं मिलता है। दूसरी ओर, शिपिंग भी वहीं रुक गई है। जिससे सूरत का कपड़ा बाजार प्रभावित हुआ है। सूरत की साड़ियां बड़ी मात्रा में श्रीलंका भेजी जाती थीं जो अब बंद हो गई हैं। इसको लेकर व्यापारियों में चिंता का माहौल है।