एक्सिस बैंक के कार्ड क्लोन करके धोखाधड़ी करने वाला मुख्य सरगना फ्लाइट से सूरत आता था!

एक्सिस बैंक के कार्ड क्लोन करके धोखाधड़ी करने वाला मुख्य सरगना फ्लाइट से सूरत आता था!

एक्सीस बैंक के एटीएम सेन्टरों को टारगेट करते थे ठग, जानिए इनकी मोडस ओपेरंडी

आज के समय बैंक ग्राहकों के एटीएम कार्ड द्वारा उनके साथ ठगी करने के कई मामले सामने आते है। इन्हीं में से के है कार्ड चोरी छिपे क्लोन कर उनके खातों सेउनकी खून-पसीने की कमाई चपत कर जाना। ऐसे ही लोगों की जीवन पर भर की जमा पूंजी पार करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के दो ठगों को डिंडोली पुलिस ने बिहार के नवादा और गया जिलें के गांवों से गिरफ्तार किया हैं। दोनों ने क्राइम ब्रांच समेत शहर के अलग अलग थानों में दर्ज एटीएम क्लोनिंग की ग्यारह घटनाओं को अंजाम देना कबूल किया हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पिछले करीब दो वर्षो से सूरत शहर में बिहार के नवादा निवासी मनीषसिंह भूमिहार (29) व उसका साथी बिहार के गया निवासी राजीव कुमार भूमिहार (28) एटीएम क्लोनिंग में सक्रिय थे। 2020 में उन्होंने डिंडोली के अलावा शहर के पांडेसरा, पुणागाम, लिम्बायत, उधना व क्राइम बांच थानों में दर्ज ग्यारह घटनाओं को अंजाम दिया था। अकेले डिंडोली थानाक्षेत्र में इस तरह की पांच घटनाएं सामने आने पर पुलिस को कुछ असामान्य लगा और पुलिस ने छानबीन शुरू की। प्राथमिक छानबिन में पुलिस को इन घटनाओं में किसी अंतरराज्यीय गिरोह के लिप्त होने का सुराग मिला।
इस जाँच के आधार पर पुलिस ने मुख्य सूत्रधार मनीषसिंह को ट्रैक किया और फिर पुलिस ने गुप्त रूप से एक टीम बना कर बिहार भेजी। इस टीम ने नवादा जिले के छोटे से गांव चोवार से मनीष को और निकटवर्ती गया जिले से उसके साथी को पकड़ा।
पुलिस को दी जानकारी में आरोपियों ने बताया कि मनीष भूमिहार और उसके गिरोह के साथी एक्सीस बैंक के एटीएम सेन्टरों को टारगेट करते थे। वे एटीएम सेन्टर में घुस कर नकली चाबी से मशीन का हुड खोल लेते थे। फिर मशीन में लगे कार्ड रीडर के साथ अपना स्कीमर फिट कर देते थे। जब कोई ग्राहक रुपए निकालने के लिए आता था तो वे चोरी छिपे उसका पिन नम्बर नोट कर लेते थे। ग्राहक के जाने के बाद मशीन से स्कीमर निकाल लेते थे और लेपटॉप पर मीनी टूल्स सॉफ्टवेर की मदद से स्कीमर से डेटा निकाल कर उसका क्लोन यानी ड्युप्लिकेट एटीएम कार्ड तैयार करते थे। उस कार्ड का दिल्ली, बिहार के विभिन्न शहरों में उपयोग कर ग्राहक के खाते से रुपए निकाल लेते थे।
इतना ही नहीं मनीष भूमिहार और उसके साथी बिहार से वाया दिल्ली फ्लाइट में सूरत आते थे। अधिकतर शहर के प्रवासी श्रमिक बहुल इलाकों पांडेसरा, डिंडोली, उधना, पुणागाम व लिम्बायत में सक्रिय रहते थे। वे अलग अलग टोलियां बनाकर एटीएम सेन्टरों पर जाते थे। स्कीमर फिट करने के बाद एक जना एटीएम सेन्टर पर ही रहता था। वह ग्राहकों से बातचीत कर भरोसे में लेता और रुपए निकालते समय उनका पिन नम्बर जान लेता था।
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