सूरत : पति के आर्थिक लेनदेन की सजा पत्नी को नहीं दी जा सकती, जानिए क्या था मामला

सूरत : पति के आर्थिक लेनदेन की सजा पत्नी को नहीं दी जा सकती, जानिए क्या था मामला

जब सारा काम पति के नाम पर हो रहा, पति ही पत्नी के नाम का चेक दिया तो पत्नी को सजा कैसी? : कोर्ट

एक चेक बाउंस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने चेक देने वाले व्यापारी की पत्नी को बरी कर दिया जहां पति के व्यवहार को लेकर पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस संबंध में कोर्ट ने फैसले में कहा कि आरोपी को स्वैच्छिक दायित्व स्वीकार करना चाहिए था और आरोपी को खुद के नाम का चेक देना चाहिए था। इस मामले में सारा लेन-देन पति ने किया जबकि चेक पत्नी का दिया जो बाउंस हो गया।
जानकारी के अनुसार सैयदपुरा निवासी सुवर्णा रावल ने आरोपी माजुरागेट निवासी सोनल मोदी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। शिकायत के मुताबिक सैयदपुरा में रहने वाले शिकायतकर्ता योगेंद्रभाई ने अपने घर में तीन सोलर रूफ टॉप सिस्टम लगाने के लिए वर्ष 2017 में आरोपी सोनलबेन मोदी के पति अल्पेशभाई से संपर्क किया था। अल्पेशभाई उजाश एनर्जी लिमिटेड के वितरक थे और दोनों के बीच एक सौर इकाई की लागत 1.40 लाख रुपये और तीन इकाइयों की लागत 4.33 लाख रुपये पर सौदा तय हुआ। शिकायतकर्ता सोनल के पति ने 2017 में 4.33 लाख रुपये एडवांस में दिए थे लेकिन एक यूनिट काम बाकी रह गया। पुलिस के पास जाने की बात पर आरोपी ने शिकायतकर्ता को अपनी पत्नी के नाम का 1.10 लाख का चेक दिया, जो बाउंस हो गया। इसके बाद शिकायतकर्ता ने आरोपी सोनलबेन मोदी के खिलाफ केस दर्ज कराया था। सुनवाई में आरोपी की ओर से अश्विन जोगड़िया ने कहा कि सारा लेनदेन आरोपी के पति अल्पेशभाई के साथ किया गया। वादी सुवर्णाबेन और आरोपी सोनलबेन कभी नहीं मिले।
 दोनों पक्षों की दलीलों के बाद अदालत ने कहा कि वादी वादी के कानूनी दायित्व को साबित नहीं कर सके। वादी ने स्वयं अपनी गवाही में स्वीकार किया है कि अभियुक्त ने कोई दायित्व स्वीकार करते हुए वादी को चेक नहीं दिया। इसलिए कोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया।
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