सूरत : कुकर्मों के लिए विकृत मानसिकता जिम्मेदार, ज्यादातर दुष्कर्म मोबाइल में अश्लील क्लिप के कारण होते हैं : हर्ष संघवी

सूरत : कुकर्मों के लिए विकृत मानसिकता जिम्मेदार, ज्यादातर दुष्कर्म मोबाइल में अश्लील क्लिप के कारण होते हैं : हर्ष संघवी

पुलिस पर दोषारोपण करने की बजाय दुराचार को एक सामाजिक मुद्दे के रूप में देखा जाना चाहिए : गृह मंत्री

सूरत में गृह मंत्री हर्ष संघवी ने सरसाना में आयोजित समारोह में शिरकत की। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अपराध को लेकर बड़ा बयान दिया। हर्ष संघवी के मुताबिक, जब दुष्कर्म जैसी घटनाएं होती हैं तो इसके लिए सीधे तौर पर पुलिस को जिम्मेदार ठहराया जाता है, लेकिन ज्यादातर मामलों में ऐसी घटनाएं पुलिस को दोष देने की बजाय सामाजिक रूप से विकृत मानसिकता के कारण होती हैं। हर्ष संघवी ने सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि लड़कियों से जुड़े ज्यादातर मामलों को परिवार के करीबी सदस्यों या पड़ोसियों ने अंजाम दिया। जबकि अपराधी अपने मोबाइल पर विकृत फिल्म देखकर ऐसी हरकत करते हैं।
गृहमंत्री हर्ष संघवी ने उदाहरण देते हुए कहा कि कई मामलों में अगर पिता अपनी बेटी के साथ व्यभिचार करता है तो ऐसे मामले को कानून व्यवस्था से कैसे जोड़ा जा सकता है। ऐसे मामलों और सामाजिक मुद्दों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। समाज में इस तरह की मानसिकता कैसे पैदा होती है, इसका अध्ययन करना चाहिए, न कि केवल बलात्कार जैसी घटनाएं और दोष पुलिस विभाग पर छोड़ देना चाहिए। यदि कोई करीबी व्यक्ति अपने आसपास की बेटी के साथ बलात्कार जैसा कृत्य करता है, तो इसे सामाजिक बुराई या सामाजिक मानसिकता का प्रश्न माना जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि दुष्कर्म जैसी घटनाओं के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार मोबाइल है, जैसा कि कई सर्वेक्षणों में सामने आया है। मोबाइल के अंदर जो फिल्में और वीडियो होते हैं, उनका लोगों के मानस पर बहुत प्रभाव पड़ता है। ज्यादातर सर्वे में खुलासा हुआ है कि शरारतों के फैलने की वजह मोबाइल का गलत इस्तेमाल है। इसके अलावा दुष्कर्म के मामलों में कुछ रिश्तेदार या उनके आसपास के जाने-माने लोग भी ऐसी घटनाओं के लिए जिम्मेदार होते हैं। उनके करीबी लोग उनके ही परिवार की बेटी के साथ दुष्कर्म करते हैं। उसे इस तरह की घटना को कानून और व्यवस्था की त्रुटि के रूप में मानने के बजाय सामाजिक दृष्टिकोण से देखना चाहिए। समाज में इस तरह की मानसिकता को पनपने से रोकने के लिए सामाजिक स्तर पर प्रयास करना बहुत जरूरी है।
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