सूरत : जानें कर्मकांडी ब्राह्मण पुत्र को अपनी सुसाइड नोट में क्यों लिखना पड़ा, 'कभी किसी पर आँखें बंद कर भरोसा ना करें!'

सूरत : जानें कर्मकांडी ब्राह्मण पुत्र को अपनी सुसाइड नोट में क्यों लिखना पड़ा, 'कभी किसी पर आँखें बंद कर भरोसा ना करें!'

पांच पन्नों की सुसाइड नोट में अंकित ने लिखी अपने पिता और उसकी मजबूरी का फायदा उठा कर धोखा देने वाले मनीष चौधरी की सच्चाई

सूरत के बारडोली इलाके में एक ब्राह्मण परिवार के बड़े पुत्र ने एक जमीन विवाद में जहरीली दवा पीकर खुद का जीवन समाप्त कर लिया था। दरअसल ब्राह्मण परिवार द्वारा जमीन के लिए 99 साल के किराये पर लिए होने का करार किया था। हालांकि इस दौरान व्यारा के एक शख्स ने उस जमीन को खरीद लिया और ब्राह्मण परिवार को घर तोड़ कर जमीन खाली करने का दबाव बनाया। पुलिस ने भी कई बार जमीन खरीदने वाले शख्स के साथ समाधान करने की सिफ़ारिश की थी। इन सभी से त्रस्त होकर बड़े भाई ने जहरीली दवा पीकर खुद की जान ले ली थी। 
विस्तृत जानकारी के अनुसार बाल्दा के खाड़ीपार में रहने वाले राजेश मिश्रा अपनी पत्नी ममता और दो पुत्र आँकती और अभय के साथ जीवन व्यतीत कर रहे थे। बड़े पुत्र अंकित ने बी कॉम तक की पढ़ाई करने के बाद ज्योतिष की पढ़ाई कर पिता के साथ ही ज्योतिष का काम करना शुरू किया था। साल 2018 में राजेश मिश्रा ने बाल्दा गाँव में संकेत चौधरी के पास से 2.75 लाख में पाँच गुंठा जमीन खरीद कर 99 साल की लीज ले ली थी। संकेत चौधरी की जमीन 73 एए प्रकार की थी, जिसके चलते वह राजेश मिश्रा नाम पर नहीं हो सकती थी। ऐसे में कोई भी जमीन खरीदने वाला पाँच गुंठा जमीन राजेश मिश्रा के नाम पर करेगा ऐसा भी सौदा हुआ था। इसके चलते राजेश मिश्रा ने उस जमीन पर अपना घर बना लिया। 
इसके बाद जनवरी 2021 में सारी जमीन मनीष महेशभाई पटेल द्वारा खरीद ली गई, जिस दौरान मनीष के साढूभाई चेतन चौधरी ने राजेश मिश्रा को जमीन के एनए क्लियर हो जाने के बाद उनके हिस्से की जमीन उन्हें दे देने का आश्वासन दिया था। हालांकि इसके बाद मनीष भाई ने जमीन के आगे उनके नाम का गेट रखकर राजेश मिश्रा को घर तोड़ कर जमीन उन्हें वापिस कर देने की चेतावनी दी थी। जिसके चलते राजेश ने जमीन के पूर्व मालिक संकेत और मनीष के साढूभाई चेतन से बात की थी। मनीष के साढूभाई ने उसे राजेश के हिस्से की जमीन उसे दे देने की बात भी उसे समझाई थी, पर मनीष कोई बात मानने को ही तैयार नहीं था। जिसके चलते मामला पुलिस स्टेशन में पहुंचा था। 
(Photo: IANS)
पुलिस स्टेशन में पुलिस ने दोनों पक्षों को दो दिन के अंदर समाधान करने को कहा। अन्यथा शिकायत दर्ज करने की धमकी दी। इसके चलते राजेशभाई का बड़ा पुत्र अंकित चिंता में आ गया था। इस बीच 30 मार्च को घर से निकाल तापी नदी के किनारे पर स्थित स्थानेश्वर महादेव मंदिर के करीब ही जहरीली दवा पी ली थी। अंकित को तुरंत ही सूरत की निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। पर तब तक काफी देर हो गई थी। ऐसे में पुलिस ने मनीष चौधरी के खिलाफ आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का केस दर्ज कर आगे की कार्यवाही शुरू की है। 
आत्महत्या करने के पहले अंकित ने एक सुसाइड नोट भी लिखी थी। जिसमें उसने बताया की किस तरह मनीष भाई ने पहले उन्हें विश्वास में लेकर पूरी जमीन अपने नाम पर खरीद ली और इसके बाद उन्हें उनके हिस्से की जमीन देने से मना कर दिया। अंकित ने लिखा की उसने दिन रात एक कर वह जमीन खरीदी थी। हालांकि इन सबके बावजूद मनीष भाई द्वारा जमीन खाली करने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा था और पिता पर लेंड ग्रेबिंग का केस दर्ज करने की तैयारी हो रही थी। उसने अपने पूरे जीवन में कभी किसी का कुछ बुरा नहीं किया है। पर इस तरह के विश्वासघात के बाद वह कहना चाहेगा की कभी भी किसी पर आँख बंद कर भरोसा नहीं करना चाहिए। अंकित ने लिखा कि वह जीना चाहता है, पर सबूतों के अभाव के कारण वह मनीषभाई के खिलाफ खड़ा नहीं हो सकता। इसलिए वह आत्महत्या कर रहा है। मेहनत से बनाया घर मनीषभाई के धोखे की वजह से उसे जाता हुआ दिखाई दे रहा है, इसलिए वह आत्महत्या कर रहा है। ऐसे में उसकी आत्महत्या का जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ मनीष चौधरी को ही माना जाये।