सूरत : विश्व स्तर पर एमएमएफ वस्त्रों की बढ़ती मांग को देखते हुए, बांग्लादेश को निश्चित रूप से सूरत की ओर देखना होगा

सूरत : विश्व स्तर पर एमएमएफ वस्त्रों की बढ़ती मांग को देखते हुए, बांग्लादेश को निश्चित रूप से सूरत की ओर देखना होगा

दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और बांग्लादेश गारमेंट मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन बांग्लादेश और भारत के विक्रेताओं और खरीदारों के बीच एक सेतु का काम करेंगे: आशीष गुजराती

बांग्लादेश सरकार ने वर्ष 2024 तक गार्मेन्ट निर्यात के लिए 80 अरब अमेरिकी डॉलर का लक्ष्य हासिल करने के लिए सूरत के कपड़ा उत्पादकों पर आधार रखा है। 
बांग्लादेश गारमेंट मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मोहम्मद शाहिदुल्ला अजीम के नेतृत्व में एक बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार  21 मार्च, 2022 को दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का दौरा किया। चैंबर ने सूरत के कपड़ा व्यवसायियों और बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल के बीच एक संवाद का आयोजन किया।
चैंबर के अध्यक्ष आशीष गुजराती ने कहा कि भारत से बांग्लादेश को होने वाले वाणिज्यिक निर्यात पर 80 फीसदी शुल्क लगता है। इसलिए उन्होंने बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल से अनुरोध किया कि वे पहले इस ड्युटी को खत्म करने के लिए अपनी सरकार से पेशकश करने के लिए अनुरोध करें। उन्होंने आगे कहा कि आज की आमने-सामने की बातचीत ऑनलाइन के माध्यम से जारी रहेगी और दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और बांग्लादेश गारमेंट मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन बांग्लादेश और भारत में खरीदारों और विक्रेताओं के बीच एक सेतु का काम करेगा। उन्होंने चैंबर द्वारा आयोजित विवनीट प्रदर्शनी और यार्न एक्सपो में बांग्लादेश के परिधान निर्माताओं सहित एक प्रतिनिधिमंडल को भी आमंत्रित किया। 
बांग्लादेश गारमेंट मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मोहम्मद शाहिदुल्ला अजीम ने कहा, “मैं कई बार भारत आया हूं लेकिन सूरत की यह मेरी पहली यात्रा है। 
आज वे जानते हैं कि सूरत भारत में एमएमएफ वस्त्रों का केंद्र है। अब तक वे भारत से क्रमशः मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और तिरुपुर से वस्त्र आयात करते रहे हैं। लेकिन सूरत की क्षमता को देखते हुए उन्होने वादा किया कि वह अब सूरत से कपड़ा मंगवाऐगे। बांग्लादेश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कपड़ा निर्यातक है। सालाना लगभग 40 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात करता है। उनकी सरकार ने 2024 तक गार्मेन्ट और परिधान निर्यात के लिए 80 अरब रुपये का लक्ष्य रखा है और विश्वास है कि यह आसानी से हासिल हो जाएगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके गार्मेन्ट और परिधान की वृद्धि दर लगभग 40 प्रतिशत प्रति वर्ष है। उन्होंने आगे कहा कि वे वर्तमान में भारत से कपास आधारित कपड़े आयात कर रहे हैं। बांग्लादेश वर्तमान में भारत से सालाना 2.2 अरब अमेरिकी डॉलर का कपड़ा आधारित सामान आयात कर रहा है। लेकिन विश्व स्तर पर एमएमएफ वस्त्रों की बढ़ती मांग को देखते हुए बांग्लादेश को निश्चित रूप से सूरत की ओर देखना होगा। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में नवंबर-2022 में फैशन वीक का आयोजन किया जाएगा। इस फैशन वीक में बांग्लादेश के ज्यादातर खरीदार शामिल होते हैं। इसलिए उन्होंने सूरत के कपड़ा उद्योग को इस फैशन वीक में अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए आमंत्रित किया। 
बांग्लादेश गारमेंट मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन की ट्रेड फेयर कमेटी के चेयरमैन मोहम्मद कमालुद्दीन ने भी सूरत के कारोबारियों को जरूरी जानकारी दी। चैंबर के मानद मंत्री दीपक कुमार सेठवाला ने चर्चा का संचालन किया। अंत में चैंबर के उपाध्यक्ष हिमांशु बोडावाला ने सभी को धन्यवाद दिया और बातचीत समाप्त की।
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