गुजरात : विश्व वन दिन पर सूरतवासियों के लिए गुड न्यूज, जिले में वन विस्तार में हुआ है इजाफा

गुजरात : विश्व वन दिन पर सूरतवासियों के लिए गुड न्यूज, जिले में वन विस्तार में हुआ है इजाफा

21 मार्च को विश्व वन दिन के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन हम जंगलो की और से मिलने वाले असंख्य उपकारों के प्रति अपना शुक्रिया अदा करते है। मानव अपने विकास के लिए पेड़ों का इतनी तेजी से इस्तेमाल करता जा रहा है कि अब कुछ ही समय में यदि धरती पेड़ विहीन हो जाए तो भी कोई आश्चर्य की बात नहीं रहेगी। हालांकि पिछले कई समय से सरकार तथा स्थानीय तंत्र द्वारा भी इस मामले में ठोस कदम उठाए जा रहे है। जिसके चलते सूरत में जंगल इलाके में इजाफा हुआ है। 
सूरत जिले के वनविस्तार में पिछले पाँच सालों में इजाफा हुआ है। सूरत जिले की 50 हजार हेक्टर जमीन पर जंगल इलाका फैला हुआ है। इनमें भी सबसे अधिक चेर के पेड़ों की संख्या है, जो एक अच्छी बात है क्योंकि यह पेड़ कुदरती आपत्ति के समय भी खड़े रहते है। साल 2017 में जहां सूरत में प्रति हेक्टर 40 पेड़ थे, वह अब बढ़कर 48 हो गए है। सूरत के डुमस, मांडवी, उमरपाड़ा, महुवा और मांगरोल में चेर के पेड़ों की संख्या में इजाफा देखने मिला है। इसमें भी सबसे अधिक महत्व कि बात यह है कि चेर के पेड़ों की संख्या काफी अधिक बढ़ी है। चेर के पेड़ समंदर में आने वाली भर्ती से होने वाले समंदर किनारे की जमीन को धूल जाने से बचाते है। इसके अलावा समुद्र में आए तूफान और सुनामी के दौरान भी उनकी असर कम करने में सहायक होता है। 
1971 में आयोजित 23वें यूरोपीय कृषि परिसंघ की महासभा ने 21 मार्च को विश्व वन दिन मनाने का निर्णय किया। जिसे "संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन" द्वारा भी समर्थित किया गया था। खाद्य एवं कृषि संगठन द्वारा नवम्बर 2006 में जारी एक सूची के अनुसार विश्व के वनों को 5 हेक्टेयर या 4 फुटबाल के मैदान प्रति मिनट की दर से नष्ट किया जा रहा है। इसी क्रम में विश्व भर में वन दिवस मनाया जाता है। वन, उत्पादों के लाभों और हमारे जीवन में वन कितना उपयोगी है, इसके बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना और जंगल को बचाने के थीम पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते है।
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