सूरत : अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस आज , 50,000 हेक्टेयर वन क्षेत्र जिले की वन समृद्धि

सूरत : अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस आज , 50,000 हेक्टेयर वन क्षेत्र जिले की वन समृद्धि

जिले में वन क्षेत्र के बाहर वर्ष 2017 में प्रति हेक्टेयर 40 पेड़ थे जो बढ़े साल 2021 में प्रति हेक्टेयर में 48 पेड़ हैं।

डुमस, महुवा, मांडवी, मांगरोल और उमरपाड़ा के वन क्षेत्र शामिल हैं 
21 मार्च विश्व वन दिवस है। 23वें यूरोपीय कृषि परिसंघ की महासभा ने 1971 में वन दिवस मनाने का निर्णय लिया। इसलिए यूएनओ ने 21 मार्च को पूरी दुनिया में 'अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया। आज पेड़ों के महत्व के बारे में जितना कहे वहा बहुत कम है। 
सूरत जिले के उप वन संरक्षक पुनीत नायर बताते हैं कि सूरत जिले में 50000 हेक्टेयर वन क्षेत्र है। इनमें डुमस, महुवा, मांडवी, मांगरोल और उमरपाड़ा के वन क्षेत्र शामिल हैं। सूरत के तटीय इलाकों में 8000 हेक्टेयर चेर के पेड़ हैं। प्राकृतिक आपदाओं, जैसे सुनामी ने भी चेर के पेड़ों की संख्या में वृद्धि की है जो ढाल के रूप में खड़े हैं। जिले में वन क्षेत्र के बाहर वर्ष 2017 में प्रति हेक्टेयर 40 पेड़ थे जो वर्ष 2021 में बढ़कर 48 पेड़ प्रति हेक्टेयर हो गए हैं। पर्यावरण की रक्षा के लिए सूरज छाया में चमक रहा है और पेड़ मनुष्य के लिए उपयोगी हैं। अगर ग्लोबल वार्मिंग की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक अचूक हथियार है, तो वह पेड़ हैं। हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि हम सबसे परोपकारी संत की तरह पेड़ों की रक्षा करें, उनका पालन-पोषण करें, पर्यावरण को स्वच्छ रखें, भूमि के कटाव को रोकें और समुद्र की लवणता को रोकें। पेड़ों की रक्षा करना और उनका जतन करना हमारा कर्तव्य है। ताकि हम आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ वातावरण दे सकें। 
इस वर्ष 'वन एवं सतत उत्पादन एवं उपभोग' विषय पर विश्व भर में वन दिवस मनाया जा रहा है। उस समय सूरत वन विभाग द्वारा सूरत जिले को हरा-भरा बनाने और वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए, अधिक से अधिक पेड़ लगाकर पर्यावरण की रक्षा और पोषण करने के लिए विभिन्न गतिविधियाँ की जाती हैं। 
21 मार्च विश्व वन दिवसी पर सुबह नौ बजे मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के संबोधन का सीधा प्रसारण राज्य भर के बायसाग सेटकॉम केंद्रों से किया जाएगा। जिसमें जिले के 1434 सेटकॉम सेंटरों के 65000 विद्यार्थी शामिल होंगे। गौरतलब है कि सूरत की वन संपदा को बढ़ाने और पेड़ों की संख्या बढ़ाने के लिए जिले की 183 वन समितियां वन विभाग द्वारा कार्य कर रही हैं। वन क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने वाली समितियों को पुरस्कार दिए जाते हैं। 
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