सूरत : पुत्रमोह पड़ा भारी, खुद की संतान को नौकरी पर रखवाने वाले सुमुल के रजिस्ट्रार को नौकरी से निकाला

सूरत : पुत्रमोह पड़ा भारी, खुद की संतान को नौकरी पर रखवाने वाले सुमुल के रजिस्ट्रार को नौकरी से निकाला

परोक्ष रूप से वित्तीय लाभ हासिल करने की मंशा से पुत्र को अपनी सत्ता का दुरुपयोग कर के नौकरी दिलाने का रिपोर्ट में किया गया आरोप

सूरत सुमुल देरी में पिछले तीन बार से डिरेक्टरपद पर बिराजमान भरत सुदाम पटेल को राज्य रजिस्ट्रार ने उनके पद पर से हटा देने के चलते काफी हलचल मच गई है। उन पर सुमुल डेरी में डिरेक्टरपद का गलत इस्तेमाल कर अपने पुत्र हेमंत को नौकरी में रखवाया था। पुत्र मोह में डूबे डिरेक्टर भरत ने सहकारी मंडली के नियमों का उल्लंघन करते हुए उन्हें उनके पद पर से हटा दिया है। 
विस्तृत जानकारी के अनुसार, डिरेक्टर पद पर होने के बावजूद भी भरत पटेल के पुत्र को सुमुल में नौकरी पर रखा गया था। इस बात की शिकायत राज्य रजिस्ट्रार को की गई थी। जिसके चलते राज्य रजिस्ट्रार ने तत्कालीन प्रभाव से भरत पटेल को पद पर से हटा दिया था। रजिस्ट्रार को की गई शिकायत के अनुसार भरत पटेल ने परोक्षा रूप से वित्तीय लाभ पाने के लिए पुत्र को नौकरी पर रखवाया था।
इस बीच कई लोगों ने यह भी सवाल उठाया कि यदि कांग्रेस की तरफ से जीतने के बाद भरत पटेल को पुत्र को नौकरी पर रखने के लिए पद से हटा दिया है। तो वहीं भाजपा की तरफ से जीते रेसा चौधरी और संजय सूर्यवंशी के पुत्र भी सुमुल में नौकरी कर रहे है। ऐसे में उनके ऊपर भी तलवार लटकती हुई दिखाई दे रही है। हालांकि कुछ सूत्रों के अनुसार, इन दोनों में से एक डिरेक्टर का पुत्र कांट्रैक्ट प्रथा के तहत सुमुल में काम कर रहा है। 
ऐसे में यह देखना है कि कांग्रेस के उम्मीदवार को पुत्रमोह की सजा के तौर पर पद छुड़वा देने वाला तंत्र भाजपा उम्मीदवार के दोषी होने पर उसके साथ भी ऐसा ही करेगा। या फिर बहते हुये प्रवाह के साथ इस बात को भी बह जाने दिया जाएगा।
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