सूरत : सालों से अलग रह रहे दंपति बच्चों के भविष्य के लिए फिर मिले, कोर्ट में दिखा परिवार का भावुक दृश्य

सूरत : सालों से अलग रह रहे दंपति बच्चों के भविष्य के लिए फिर मिले, कोर्ट में दिखा परिवार का भावुक दृश्य

छोटे-मोटे झगड़े में बरसों से बिखरा परिवार लोक अदालत में फिर एक हुआ

जिला न्यायालय में रविवार को हुई लोक अदालत में भावुक कर देने वाले दृश्य सर्जित हुआ। कुछ परिवार हमेशा के लिए अलग हो गए थे, कुछ परिवार सालों बाद फिर से मिले। पति-पत्नी के अलावा ससुराल में हुए झगड़ों से मामला कोर्ट तक पहुंच गया और दिल की कड़वाहट पल भर में दूर हो गई।  जिसके लिए विशेष रूप से बच्चे महत्वपूर्ण कड़ी बने। एक पति के मामले में, दूसरी शादी की कोई इच्छा नहीं है और आपके अलावा कोई भी पसंद नहीं आती है। इतना कहकर पति ने उसी पत्नी से सुलह कर ली और घर बसा लिया।
उधना के गणेश और निर्मला (बदला हुआ नाम) की शादी 2013 में हुई थी और 2018 में एक बेटे का जन्म हुआ था। हालांकि, कोरोना की शुरुआत से कुछ समय पहले, पति-पत्नी में बहस हो गई और पत्नी मायके रहने चली गई और अदालत में घरेलू हिंसा का मामला दायर किया। हालांकि, कुछ दिनों बाद, बच्चे बिना माता से और दूसरी तरफ पति से भी नही रह जाने से दोनों ने   अधिवक्ता अश्विन जोगड़िया के माध्यम से लोक अदालत में समझौता करने पहुंचा।
दूसरी घटना में कतारगाम की रहने वाली सरिता और सागर की शादी साल 2017 में हुई थी। शादी के बाद काम करने को लेकर पति-पत्नी में झगड़ा इतना बढ़ गया कि दोनों अलग हो गए। बाद में मामले को कोर्ट ले जाया गया। बेशक, उसने सुलह करने की पहल की क्योंकि उसका पति शोक से पीड़ित  था। पत्नी के बिना उसे अच्छा नहीं लगा तो उसने समझौता कर लिया था। पति की इस पहल से पत्नी भी खुश थी।
एडवोकेट इलियास पटेल ने कहा कि छोटी-छोटी बातों को लेकर झगड़ों के मामले आते रहते हैं। संयम और परित्याग में विश्वास नहीं रखने वाले जोड़े खाने जैसे सामान्य  मामले को कोर्ट तक ले जाते हैं। एडवोकेट नरेश गोहिल ने कहा कि वर्तमान जीवन ने युगल के बीच भावनाओं को प्रभावित किया है। जिस तरह से कपल एक-दूसरे की गलतियां चला लेते थे , लेकिन अब ऐसा नही है जिससे अब साधारण झगड़े कोर्ट में आ जाते हैं।
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