सूरत : पिछले 23 साल से चेहरा बदलकर फरार आरोपित क्राइम ब्रांच के शिकंजे में

सूरत :  पिछले 23 साल से चेहरा बदलकर फरार आरोपित क्राइम ब्रांच के शिकंजे में

आरोपी ने पत्नी और 7 वर्षीय पुत्र को जलाकर हत्या कर फरार हो गया था

क्राइम ब्रांच ने  फरार आरोपित को किया गिरफ्तार
सूरत शहर में  1995 में एक अन्य महिला के साथ संबंध को लेकर हुए तकरार में कथित तौर पर अपनी पत्नी और छोटे बच्चे की आग लगाकर हत्या करने वाला आरोपी पिछले 23 साल से फरार था।  सूरत अपराध शाखा के पीएसआई पढियार की एक टीम  ने सूचना के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी रमेश उत्तम तायडे, जो 1995 में फोटो में दिखाई दे रहा था, अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ सूरत शहर के विनोबानगर, लिंबायत में रहता था और  एक संचा कारखाना में काम करता था।  उस दरम्यान रमेश का अन्य महिला के साथ अवैध संबंध था, जिससे आये दिन पत्नी के साथ झगड़ाकर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया करता था। 
इसी बीच रात 28/10/1995 को रात 10 बजे आरोपी का अपनी 28 वर्षीय पत्नी राजकन्या से झगड़ा हो गया, उस पर मिट्टी का तेल छिड़का और माचिस की तीली से उसके शरीर में आग लगा दी, फिर अपने 7 वर्षीय मासूम को उठा लिया और उसे भी राजकन्या के सुलगते शरीर पर आग में फेंक कर दोनों की हत्या कर फरार हो गया था।
यह बहुत ही गंभीर अपराध होने से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया तो माननीय अपर सत्र न्यायालय, सूरत द्वारा आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, रमेश उत्तम तायडे को बाद में वडोदरा सेंट्रल जेल में हिरासत में भेज दिया गया था। इस बीच, रमेश तायडे को 05/11/1999 से 27/11/1999 तक 21 दिनों की फरलो पर रिहा किया गया था।  उसके बाद वह नियत तारीख पर जेल में पेश नहीं हुआ और भाग गया। जिससे  वडोदरा सेंट्रल जेल के अधिकारियों ने उसके खिलाफ वडोदरा के रावपुरा थाने में मामला दर्ज कराया था। 
इस दरम्यान सूरत क्राइम ब्रांच पुलिस विभिन्न आरोपियों की तलाश कर रही थी, तो विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली कि रमेश उत्तम तायडे बदलकर दिनेश उत्तम तायडे रख महाराष्ट्र के ठाणे जिला के उल्हासनगर के भरतनगर-2 में रह रहा है।  जिसके आधार पर करीब एक साल तक वर्क आउट कर आरोपी के पुराने फोटो के साथ-साथ शारीरिक निशान भी लिए, जिसके आधार पर इस बात की पुष्टि हुई कि वह वही आरोपी है।
अपनी पत्नी और मासूम बच्चे को आग लगाकर मारने वाले आरोपी को सूरत क्राइम ब्रांच ने स्थानीय पुलिस की मदद से 23 साल बाद फिर से गिरफ्तार कर लिया है। गौरतलब है कि आरोपी कितना भी शातिर क्यों न हो, इसमें कोई संदेह नहीं है कि भगवान उसे उसके पापों और कुकर्मों की सजा के लिए कहीं न कहीं  आखिर पुलिस से मिला ही देते है, इसमें कोई दो राय नहीं। 
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