ठीक ही हुआ; जानें सूरत में किस को फांसी की सजा दी गई है

ठीक ही हुआ; जानें सूरत में किस को फांसी की सजा दी गई है

बलात्कार और मां बेटी की हत्या के मामले में चला न्यायालय का चाबुक

सूरत में बलात्कार और हत्या के आरोपियों पर न्याय का जोरदार चाबुक चला है। 3 साल पहले शहर के पांडेसरा इलाके में बलात्कार और मां-बेटी की हत्या का एक मामला सामने आया था। आज उसी मामले में सूरत की अदालत ने अपना फैसला सुनाया है।
इस अपराध में हर्षसहाय गुर्जर और सह-आरोपी के रूप में हरिओम शामिल थे। अदालत ने हर्ष गुर्जर को फांसी की सजा दी है। वही हरिओम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इस मामले में सरकारी पक्ष स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर पीएन परमार ने रखा था।
इस पूरे कांड का सबसे सनसनीखेज पहलू यह है कि आरोपी हर्ष गुर्जर विगत 4 मार्च 2018 को राजस्थान से एक महिला और उसकी बेटी को ₹35000 में खरीद कर लाया था। दोनों को उसने सूरत के पर्वत पाटिया स्थित अनुपम हाइट बिल्डिंग में रखा था। कुछ दिनों बाद महिला और आरोपी हर्ष के बीच झगड़ा होने पर उसने महिला की उसकी बेटी के सामने ही हत्या कर दी थी। इतना ही नहीं महिला की हत्या करने के बाद वह उसकी बेटी को अपने घर ले गया और वहां कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद उसने किशोरी को भी मौत के घाट उतार दिया। 
इस पूरे आपराधिक कृत्य से पर्दा तब उठा जब 6 अप्रैल 2018 के दिन शहर के भेस्तान इलाके में साईं फकीर क्रिकेट मैदान के पास 11 वर्षीय किशोरी का शव बरामद हुआ था। पड़ताल करने पर उसके साथ बलात्कार होने की भी पुष्टि हुई थी। पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। इसी घटनाक्रम के 6 दिन बाद शहर के सचिन-मगदल्ला हाईवे पर एक महिला की लाश मिली थी जिसे गले में फांसी देकर मारा गया था। पुलिस ने कड़ी मेहनत से इलाके के सीसीटीवी खंगाले और पता चला था कि काले रंग की कार में लाश लाकर फेंकी गई थी। आरोपियों ने हत्या करने के बाद माता और उसकी बेटी दोनों की लाशों को अलग-अलग जगह फेंका था।
पुलिस जानकारी में सामने आए तथ्यों के अनुसार बलात्कार और हत्या की इस घटना में आरोपियों ने सबसे पहले चालू कार में बेटी के सामने ही मां के गले में दुपट्टे से फांसी लगाकर उसे मौत के घाट उतार दिया था। उसके बाद किशोरी के साथ दुष्कर्म किया गया और उसके प्राइवेट पार्ट में लकड़ी डाली गई और उसकी भी हत्या कर दी गई। बच्ची के शरीर पर चोट के निशान पाए गए थे। दोनों माता और बेटी के शवों को अलग-अलग जगह पर ले जाकर झाड़ियों में फेंक दिया गया था।
अब लगभग 4 वर्षों बाद इस अपराध में दोनों आरोपी दोषी पाए गए हैं और उन्हें कड़ी सजा का ऐलान किया गया है।
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