सूरत : मानदेय न बढ़ने पर आंगनबाडी बहनों ने किया बजट का विरोध

सूरत : मानदेय न बढ़ने पर आंगनबाडी बहनों ने किया बजट का विरोध

सूरत के आंगनबाडी बहनों ने मानदेय की मांग पूरी न होने पर बजट का पुतला बनाकर उसे जलाने का प्रयास किया

काम से जुड़े वेतन की मांग को लेकर आंगनबाडी बहनों ने विरोध किया
सूरत के लिंबायत में नीलगिरि सर्कल में आज 500 से अधिक आंगनबाड़ी बहनों ने इकट्ठा होकर बजट के खिलाफ नारेबाजी की। वित्त मंत्री द्वारा पेश किया गया बजट एक बार फिर आंगनबाडी से जुड़ी महिलाओं की मांग को पूरा नहीं कर पाया है। आंगनबाडी महिलाओं ने 18 हजार रुपये मानदेय की मांग की। लेकिन अभी भी केवल 7800 रुपये का भुगतान किया गया है। साथ ही सहायक बहनों को 4200 रुपये का भुगतान किया जाता है। सूरत शहर में 2000 से अधिक आंगनबाडी बहनें कार्यरत हैं। शहर में 1022 आंगनबाडी कार्य कर रही हैं। 
शहर में कई महिला आंगनबाडी कार्यकर्ता 15 से 20 साल से काम कर रही हैं। हालांकि महिलाओं ने आरोप लगाया कि उन्हें बहुत कम भुगतान किया जा रहा है। आंगनबाडी कार्यकर्ताओं से  कई प्रकार के कार्य करती है। जिसमें बच्चों की प्री-प्राइमरी शिक्षा, गर्भवती महिलाओं को अल्पाहार वितरण, कोरोना के संक्रमण काल ​​में निगम द्वारा दो वर्ष तक सर्वेक्षण के विभिन्न कार्य सौंपे गए। निगम की ओर से उन्हें अलग से भुगतान करने की भी बात चल रही थी। फिर भी उन्हें किसी भी प्रकार का मुआवजा नहीं दिया गया है। 
आंगनबाडी कार्यकर्ता रेखा पाटिल ने कहा हमने गांधीनगर में बाल विकास आयुक्त के साथ बैठक की थी। उस बैठक के दौरान हमने अपना मानदेय बढ़ाकर 18,000 करने के लिए बजट में प्रावधान लाया जाए इस प्रकार की चर्चा हुई थी। उस समय बाल विकास आयुक्त द्वारा हमें आश्वासन दिया गया था कि आपकी मांग वित्त मंत्री तक पहुचा दी जायेगी। लेकिन बजट पेश होने के बाद से हम काफी निराश हैं। परिणामस्वरूप आज हमने बजट का पूतला बनाकर उसे जलाने की कोशिश की। शासकों के विरोध में नारेबाजी की आने वाले दिनों में हम गांधीनगर में आंदोलन करने की योजना बना रहे हैं।
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