सूरत : कॉलेजों में गुजराती और इंग्लिश मिलाकर ‘गुजलिश’ के रूप में द्विभाषी माध्यम शुरु करने की कवायद

सूरत : कॉलेजों में गुजराती और इंग्लिश मिलाकर ‘गुजलिश’ के रूप में द्विभाषी माध्यम शुरु करने की कवायद

राज्य में लोगों के इंग्लिश मीडियम की स्कूलों के लिए बढ़ रही आकर्षण के बीच गुजराती मीडियम की स्कूलों को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य भर में गुजराती और इंग्लिश मीडियम को मिलाकर गुजलीश स्कूलों को खोलने की अनुमति राज्य सरकार द्वारा मिल चुकी है। ऐसे में अब स्कूलों के बाद दक्षिण गुजरात की कॉलेजों में भी द्विभाषी मीडियम के अमल करवाने की कवायद शुरू की गई है।
शनिवार को मिली एकेडेमिक काउंसिल की बैठक में गुजलीश मीडियम को आने वाले साल 2022-23 से अमल में लाने का निर्णय लिया गया है। इस मीटिंग में जारी किए गए आदेश के अनुसार स्कूलों के अलावा कॉलेजों में भी गुजलीश सिलेबस के अनुसार शिक्षणकार्य करना रहेगा। इसके अलावा जिस फेकल्टी में एपेक्ष बॉडी के नियम लागू ना होते हो उन सभी को सिलबस में पहले साल कम से कम एक विषय में गुजलीश करना होगा या तो परीक्षा में विकल्प के तौर पर गुजलीश का इस्तेमाल कर उत्तर दे सके इस तरह की व्यवस्था करनी होगी।
एकेडेमिक काउंसिल की बैठक में और भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए है।
  • फरवरी 2022 के दौरान हुई परीक्षा में तकनीकी क्षति का भोग बननेवाले सभी विद्यार्थियों की पूरक परीक्षा मार्च-अप्रैल महीने के दौरान रेग्युलर छात्रों के साथ ली जाएगी।
  • शारीरिक विकलांग छात्रों को राइटर रखने के निर्णय में विभिन्न तरीकों की राहत दी गई है।
  • फरवरी की परीक्षा में कई छात्रों ने घर बैठकर परीक्षा दी थी। ऐसे में छात्रों की हाजरी का रिपोर्ट शाम तक परीक्षा विभाग को देने का निर्णय लिया गया है।
  • यूनिवर्सिटी के कानूनी विभाग में बेजीक फिटनेस सर्टिफिकेट प्रोग्राम शुरू कर उसे अनुमति दे दी गई है। योग गरबा का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया गया है।