
सूरत : कारोबारी विवादों के निपटान के लिये मिडियेशन सेंटर शुरु करने की कवायद
By Loktej
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पुलिस और कोर्ट में जाने के कार्यभार को किया जा सकेगा कम और जल्द ही निकल सकेगा विवादों का समाधान
सूरत शहर में व्यापार संबंधी विवादों को सुलझाने के लिए तथा पुलिस और कोर्ट का कार्यभार कम करने के आशय से दोनों पक्षों द्वारा समाधानकारी रुख अपना कर किसी भी विवाद का निराकरण लाने के लिए मिडीयेशन सेंटर (आर्बिट्रेशन) शुरू करने की दिशा में कार्यवाही शुरू की गई है। आने वाले कुछ महीनों में जल्द ही इसकी विधिवत शुरुआत हो जाये ऐसी आशा भी राखी जा रही है। आर्बिट्रेशन द्वारा दिये गए निर्णय को हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट द्वारा भी मान्य रखा जाता है। उल्लेखनीय है काउंसिल फॉर आर्बिट्रेशन एंड मिडियेशन को भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है और यह व्यापार से जुड़े विवादों का ही निराकरण लाती है।
आर्बिट्रेशन में व्यापार से जुड़े हर तरह के मामलों की सुलह करवाई जाती है, जिससे की व्यापारियों में होने वाले पुलिस और कोर्ट केस कम से कम हो। हालांकि इसमें धोखाधड़ी, मारामारी, धमकी तथा लूट जैसी घटनाओं का समावेश नहीं किया जाता है। व्यापारियों को होने वाली वित्तीय लेन-देन के सभी मामलों का आसानी से निराकरण लाया जाता है और इसके लिए व्यपारियों को मात्र तीन हजार से दस हजार का ही भुगतान करना होता है। ऐसे में कम खर्च में समस्या का समाधान हो जाता है।
बता दे की सूरत में बनने वाला आर्बिट्रेशन सेंटर आर्बिट्रेशन एंड काउंसिल के कानून 1996 के आधार पर बनाया जा रहा है। इसमें चैरमेन के पद पर सीए दिनेश द्विवेद को चुना गया है। आर्बिट्रेशन में दोनों पक्ष अपने प्रतिनिधि को पसंद कर सकेंगे और अपने सबूत पेश कर सकेगे। जिसके आधार पर आर्बिट्रेशन द्वारा निर्णय सुनाया जाएगा। आर्बिट्रेशन के निर्णय में किसी भी पक्ष को किसी तरह का कोई भी नुकसान ना हो उसका खास ध्यान रखा जाएगा। इस बारे में बात करते हुए दिनेश द्विवेदी ने बताया कि अब तक सूरत में आर्बिट्रेशन सेंटर ना होने के चलते उन्हें अपने विवादों के निराकरण के लिए पुलिस या कोर्ट में जाना पड़ता था। ऐसे में उन्हें काफी समय भी लग जाता था। हालांकि आर्बिट्रेशन के आने से तेजी आ सकेगी। आर्बिट्रेशन में आने वाले किसी भी केस को अधिक से अधिक एक साल में उसका निराकरण कर दिया जाएगा।