सूरत : गन्ने के खेत से मिली थी लापता बिजलीकर्मी की लाश, हत्या का खुला भेद

सूरत : गन्ने के खेत से मिली थी लापता बिजलीकर्मी की लाश, हत्या का खुला भेद

सामान्य सड़क दुर्घटना ने लिया बड़ा रूप, हत्या में शामिल पांच गिरफ्तार

पिछले दिनों सूरत के कामरेज तहसील के वाव गाँव से मिले बिजलीकर्मी के मृतदेह के मामले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। मोबाइल तकनीक के आधार पर पुलिस ने गन्ने के खेत में मारे गए सूरत के बिजलीकर्मी के हत्या के केस में पुलिस ने पाँच लोगों को हिरासत में लेकर हत्या के लिए इस्तेमाल की गई इको गाड़ी को भी हिरासत में लिया था। पूछताछ में हत्या करने का कारण जानकार खुद पुलिस भी हैरान रह गई थी। दरअसल पीकअप वान द्वारा आरोपियों की गाड़ी को हल्की सी टक्कर लग गई थी। इसके चलते उन्होंने पिकअप चालक बिजलीकर्मी की हत्या कर दी थी। 
विस्तृत जानकारी के अनुसार, परेश हरिभाई डोडिया जो की बिजली विभाग में काम करते है लापता हो गए थे और उनकी लाश वाव गाँव के एक गन्ने के खेत में से नग्न अवस्था में मिल आई थी। घटना के चलते सूरत जिला एलसीबी की टीम और एसओजी की टीम ने विभिन्न टीम बनाकर मोबाइल तकनीक के आधार पर जांच करते हुए दिगस गाँव से पाँच शख्सों को इको गाड़ी के साथ हिरासत में लिया था। जिसमें अजय पटेल (23 साल), सुनील पटेल(28 साल), मनोज यादव(25 साल), रमेश पटेल(40 साल) और मयूर राठोड(33 साल) को हिरासत में लिया था।
आरोपियों से पूछताछ में मालूम चला की 13 जनवरी के दिन नवागाम फायर स्टेशन के पास बिजली विभाग की पिकअप वान चला रहे परेश डोडिया की गाड़ी इनकी इको गाड़ी से टकरा गई थी। इसी घटना का बदला लेने के लिए उन्होंने परेश को उनकी ही पीकअप वान में बंद कर वाव गाँव में केनाल पर ले गए थे। नीचे उतरते ही सभी ने मिलकर परेशभाई की काफी पिटाई की थी। इसके बाद गन्ने के खेत में से गन्ने लेकर उनके पृष्ठ भाग में डालकर उनकी हत्या कर दी थी। पूरी घटना में पांचों आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लेकर उनकी इको कार को जप्त किया है और आगे की कार्यवाही शुरू की है। बता दे की हत्या के केस में पकड़े गए मयूर और अजय पहले से ही हिस्ट्रीशीटर है।