सूरत : नगर प्राथमिक शिक्षा समिति ने वर्ष पूरा होने के बावजूद स्वाध्याय पोथी का वितरण नहीं किया

सूरत : नगर प्राथमिक शिक्षा समिति ने वर्ष पूरा होने के बावजूद स्वाध्याय पोथी का वितरण नहीं किया

नगर प्राथमिक शिक्षा समिति की निष्क्रियता के कारण बच्चों को पाठ्य पुस्तकें नहीं मिलीं।

कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ा है। ऑनलाइन शिक्षा के लिए राज्य सरकार ने निरंतर प्रयास किया है। निगम ने भी ऑनलाइन पाठ्यक्रम को सुचारू रूप से चलाने का प्रयास किया है लेकिन कई कमियां भी हैं। ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले बच्चों को पाठ्यपुस्तकें तो बांटी गई हैं, लेकिन शिक्षा जगत में चर्चा का विषय बनी नगर प्राथमिक शिक्षा समिति द्वारा बच्चों के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्व-अध्ययन और पाठ्यपुस्तक का वितरण नहीं किया गया है।
नगर प्राथमिक शिक्षा समिति के पूर्व सदस्य सुरेश सुहागिया ने आरोप लगाया कि नगर प्राथमिक शिक्षा समिति के सदस्यों द्वारा बच्चों को शिक्षित करने के लिए बड़े बंगले बनाए जा रहे हैं लेकिन वे कितना उदासीन है यह  स्थिति को देखकर मालूम पड़ता है। दूसरा सेमेस्टर मार्च के महीने में समाप्त हो जाएगा, जिसका अर्थ है कि  वर्ष भी समाप्त हो जाएगा। बावजूद इसके  बच्चों को घर पर पढ़ने के लिए स्वाध्याय एवं स्व-अध्ययन पुस्तकें वितरित नहीं की गई हो तो  कोई भी जान सकता है कि बालकों को शिक्षित करने के लिए कितने तटस्थ है। ऑनलाइन लर्निंग के समय बच्चों के लिए स्वाध्याय पोथी बहुत जरूरी है। लेकिन नगर प्राथमिक शिक्षा समिति के अधिकारियों के बीच तालमेल नहीं होने के कारण छात्र इससे वंचित हैं।
नगर प्राथमिक शिक्षा समिति की उपाध्यक्ष स्वाति सोसा ने कहा कि "हम लगातार पाठ्यपुस्तकों का वितरण कर रहे हैं।" लेकिन जब हमने उनसे पूछा कि साल खत्म होने में सिर्फ दो से ढाई महीने ही बचे हुए हैं, तो आपके पास आई पाठ्यपुस्तकें क्यों नहीं बांटी गई हैं। उन्होंने जवाब दिया कि पाठ्यपुस्तक वितरित की जा रही है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अब साल खत्म होने के करीब है और करोड़ों रुपये की लागत से छात्रों के लिए तैयार की गई पाठ्यपुस्तकों का इस्तेमाल बच्चे कैसे करेंगे। 
ऑनलाइन पढ़ाते समय छात्रों के लिए घर पर ही रिपीट और सेल्फ स्टडी करना बहुत जरूरी है, जिसके लिए करोड़ों रुपये खर्च कर बच्चों को स्वाध्यायपोथी दिए जाते हैं। लेकिन नगर प्राथमिक शिक्षा समिति की निष्क्रियता ऐसी है कि सरकार खर्च करती रही है, लेकिन बच्चों की शिक्षा को लेकर गंभीर नहीं दिख रही है।
Tags: