सूरत : जानें पंछियों के इलाज के लिये क्यों शुरु हुआ ICU?

सूरत : जानें पंछियों के इलाज के लिये क्यों शुरु हुआ ICU?

कस्तूरबा बाल उद्यान के पास पंछियों की मदद के लिए मात्र 72 घंटो में शुरू किया गया स्पेशल आईसीयू केंद्र

मकर संक्रांति के मौके पर गुजरात सहित सूरत में पतंगोत्सव की परंपरा है। नगर जन दिन पर पतंगें उड़ाते हैं और सपरिवार उत्सव का माहौल रहता है। इस त्यौहार का एक नकारात्मक पहलू भी है और वह यह कि इस दिन बड़ी संख्या में पंछियों को पतंगों की डोर के कारण चोट पहुंचती है। पंछी मांझे में उलझ कर लटके पाये जाते हैं और कभी उनकी गरदनें कटने से मर जाते हैं। सड़कों, छज्जों पर घायल पंछी भी मिलते हैं। इन्हीं बेजुबान पंछियों की देखभाल का जिम्मा शहर में कई गैर सरकारी संगठनों ने उठा रखा है। ऐसा ही एक संगठन है करुणा चैरीटेबल ट्रस्ट। 
करूणा संस्था द्वारा मकर संक्रांति पर पंछियों की सेवा और उनके इलाज के लिये एक विशेष अस्पताल एवं आईसीयू सैंटर स्थापित किया गया है। गुरुवार को स्थानीय सांसद और प्रदेश भाजपाध्यक्ष सी आर पाटिल ने इस केंद्र का उद्घाटन किया। इस अवसर पर सूरत महानगर पालिका की स्थायी समि‌ति के अध्यक्ष परेश पटेल, पार्षद नेन्सीबेन शाह, नीरव शाह आदि उपस्थित रहे। 
करूणा चैरीटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंघवी ने मीडिया को बताया है कि पिछले दस वर्षों से वे पक्षियों की देखभाल और इलाज का सेवाकीय कार्य कर रहे हैं। लोग मकर संक्रांति के त्यौहार में मजे करते हैं लेकिन उनके इस उत्सव के दौरान कई निर्दोष पक्षियों की जान पर बन आती है। उन्होंने बताया कि स्थानीय पालिका प्रशासन और अन्य सेवाकीय संस्थाओं की मदद से पक्षियों के लिये इस आईसीयू केंद्र को केवल 72 घंटे में तैयार किया गया है।  
बता दें कि ये अस्पताल कम आईसीयू केंद्र चौक बजार स्थित कस्तूरबा बाल उद्यान के पास शुरु किया गया है। यहां घायल पक्षियों को हर प्रकार की चिकित्सा प्रदान की जायेगी। घायल पक्षियों के बारे में जानकारी साझा करने के लिये एक हेल्प लाइन नंबर भी जारी किया गया है। यदि सूरत में आपके आसपास कोई पंछी घायल दिखे तो 1962 / 9825298063 नंबर पर सूचना दी जा सकती है। स्वयं सेवक सूचना के अनुरूप घटना स्थल पर पहुंच कर पंछियों को रेस्क्यू करके अस्पताल पहुंचाने का काम करेंगे। उम्मीद की जानी चाहिये कि मकर संक्रांति के दिन पतंगें उड़ाने के साथ-साथ सूरती इस बार पंछियों का भी ध्यान रखेंगे।
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