
फोस्टा के चुनाव कराने की कानाफुसी; कासट ने कहा - पूर्व प्रमुखों की मीटिंग बुलाउंगा!
By Loktej
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टेक्सटाईल युवा ब्रिगेड पहले ही फोस्टा पदाधिकारियों का घेराव करने की चुनौती दे चुके हैं
जीएसटी में वृद्धि को विगत 31 दिसंबर को टाल दिये जाने के जीएसटी काउंसिल के निर्णय के बाद फौरी तौर पर कपड़ा कारोबारियों ने राहत की सांस ली है। इससे पहले जीएसटी वृद्धि को लेकर कपड़ा उद्यमियों में विरोध के स्वर भी उठे और सूरत के कपड़ा व्यापारियों के सबसे बड़े संगठन फोस्टा की ओर से एक दिन का सांकेतिक बंद भी रखा गया। लगता है कि सरकार के खिलाफ हुए इस बंद की गूंज ऊपर तक पहुंची है। शायद इसी का नतीजा था कि शहर के एक अन्य कपड़ा संगठन के कार्यक्रम में स्थानीय सांसद और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सी आर पाटिल ने परोक्ष रूप से फोस्टा को घेरा।
बता दें कि सी आर पाटिल ने उक्त कार्यक्रम में फोस्टा का सीधे नाम लिये बगैर दो-टूक कहा कि एक संगठन है जो पंजीकृत नहीं है और जिसमें समय पर चुनाव भी नहीं होते। उनके कहने का सार था कि चंद लोग संगठन पर कब्जा जमाये हुए हैँ और कपड़ा व्यापारियों को उनकी पसंद का प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है। पाटिल ने यहां तक कहा कि जीएसटी मामले में उच्च स्तरीय बैठक में उक्त संगठन के प्रतिनिधियों को चर्चा के लिये बुलाया गया था। लेकिन आने वाले समय में बिना लोकतांत्रिक ढांचे के चल रहे संगठन के किसी व्यक्ति को नहीं बुलाया जायेगा। इससे पहले शहर में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में एक कार्यक्रम में नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि कुछ कपड़ा अग्रणी जीएसटी मामले में आंदोलन खड़ा करने का कुप्रयास कर रहे थे और वे अन्य राजनीतिक मंचों का मोहरा बन रहे थे। यहां भी उनका संकेत शायद फोस्टा की ओर ही था।
अब चुंकि फिलहाल जीएसटी वृद्धि टलने के बाद इस विषय को लेकर गहमागहमी थम गई है, लेकिन फोस्टा में लोकतांत्रिक ढंग से चुनाव कराये जाने की मांग के साथ कानाफुसी भी होने लगी है। फोस्टा के पूर्व प्रमुख ताराचंद कासट ने मीडिया को दिये अपने बयान में पाटिल के निवेदन का हवाला देते हुए कहा है कि कपड़ा संगठन को लेकर प्रदेशाध्यक्ष की टिप्पणी एक गंभीर मुद्दा है। कासट ने कहा है कि पिछले एक दशक से फोस्टा में चुनाव नहीं हुए हैं और जिन्हें चुनाव कराने की जिम्मेदारी दी गई थी वे ही पदों पर बैठे हैं। ऐसे में वे फोस्टा के पूर्व अध्यक्षों की बैठक बुलायेंगे और सभी मार्केटों के प्रमुख-सचिवों से परामर्श करके फोस्टा के चुनाव न कराने के दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की विकल्प तलाशेंगे।
बता दें कि इससे पहले भी कपड़ा व्यापारियों में फोस्टा में चुनाव कराने की मांग सोशल मीडिया पर समय-समय पर उठती रही है। विगत दिनों टेक्सटाइल युवा ब्रिगेड के अध्यक्ष ललित शर्मा ने भी सोशल मीडिया पर अपने बयान में फोस्टा के पदाधिकारियों को 15 दिनों के भीतर चुनाव कराने का मार्ग प्रशस्त करने का आह्वान किया था और ऐसा न करने पर घेराव करने की चुनौती भी दी थी। चुंकि इस बार इस मामले को स्वयं सी आर पाटिल ने कपड़ा व्यापारियों के फोरम से उठाया है और यहां तक कहा है कि सभी संगठनों को मिलकर एक सशक्त संगठन को अमलीजामा पहनाना चाहिये। ऐसे में क्या इस बार भी फोस्टा के चुनाव कराने की मांग पहले की तरह फुस्स हो जायेगी या अपने अंजाम तक पहुंचेगी इस पर निगाहें टिकी हुई हैं।
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