गुजरात : मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला को 2 घंटे के भीतर 181 अभयम ने परिवार को सौंप दिया

गुजरात : मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला को 2 घंटे के भीतर 181 अभयम ने परिवार को सौंप दिया

तलाक के बाद मानसिक संतुलन खो बैठी महिला का परिवार के साथ सुखद मिलन

 केशोद 181 अभय महिला हेल्पलाइन ने मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला को 2 घंटे के भीतर महिला के परिवार को सौंप दिया। महिला सात साल से एक सरकारी अस्पताल में ड्यूटी पर थी, लेकिन तलाक होने पर अपना संतुलन खो बैठी थी।
एक जागरूक नागरिक ने 181 पर कॉल कर बताया कि केशोद बस स्टैंड के पास एक अनजान महिला भटक रही है। जिससे केशोद लोकेशन पर कार्यरत 181 टीम के काउंसलर दयाबेन मावदिया, जी.आर. जयश्रीबेन और अन्य लोग तुरंत मौके पर पहुंच गई। महिला का मौके पर ही काउंसलिंग की गई, लेकिन महिला ने जवाब न दिया, क्या वाकई महिला का दिमाग अस्थिर था या उसके साथ  कुछ घटना घटी थी? ऐसे ही कई सवालों के बीच 181 टीम के काउंसलर ने महिला को भीड़ से दूर कार में बैठने के लिए प्रोत्साहित किया और शांतिपूर्वक महिला से पूछताछ की तो वह जूनागढ़ छोड़ दोगे, ऐसा कही।
इसके बाद महिला की गंभीरता को समझते हुए सतत काउंसलिंग जारी रखी, परिणाम स्वरुप महिला ने अपने घर का पता लिख ​​दिया। तो उस पते पर पूछताछ करने पर पता सही निकला तो सोसायटी में पूछताछ करने वाली महिला के परिवार का फोन नंबर मिला। जिससे महिला अपने परिवार से बात कर अपने परिवार के पास पहुंची। महिला के माता-पिता से पूछताछ में पता चला कि महिला सात साल से एक सरकारी अस्पताल में ड्यूटी पर थी लेकिन तलाक के बाद अपना मानसिक संतुलन खो बैठी थी। महिला का इलाज उसके माता-पिता करा रहे थे। लेकिन तीन महीने से महिला ने दवा लेना बंद कर दिया, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। महिलाएं अक्सर सुबह चार या पांच बजे जल्दी निकल जाती हैं। क्योंकि महिला के माता-पिता अत्यधिक बूढ़े हैं, जिससे  वे महिला की देखभाल और इलाज के लिए माता-पिता की बात नहीं मानती थी। साथ ही महिला का तलाक माता-पिता के कारण हुआ ऐसा गलच विचार कर महिला माता-पिता पर गुस्सा कर  उनके साथ झगड़ा कर घर से निकल जाती थी। जिससे महिला के माता-पिता को महिला की इलाज और देखभाल के बारे में जानकारी देकर मानसिक रूप से विकलांग महिला को उसके माता-पिता को सौंप दिया।
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