सूरत : बाहर की मंडियों से खरीद बंद होने से मिल मालिकों ने किया नुकसान को कम करने का प्रयास

सूरत :  बाहर की मंडियों से  खरीद बंद होने से मिल मालिकों ने किया नुकसान को कम करने का प्रयास

टेक्सटाइल इंडस्ट्री पर जीएसटी की मार, मिल मालिकों की हफ्ते में तीन छुट्टियां रखने की योजना

कोरोना की महामारी से मंदी के भंवर में फंसे कपड़ा व्यापारियों के बाद अब जॉब वर्क घट जाने से मिल मालिकों ने कारीगरों को हफ्ते  एक के बदले 2-3 दिन की छुट्टी देने का विचार बना लिया है। साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन के प्रमुख  जीतूभाई वखारिया ने कहा कि शहर से बाहर खरीदारी आधी हो गई है। ऐसे हालात में जीएसटी का मुद्दा यथावत रहने से ऐसी परिस्थिति खड़ी हो रही है। वहीं एक कपड़ा व्यापारी ने कहा कि अगर जीएसटी का मसला हल नहीं हुआ तो इससे भी बदतर स्थिति देखकर कोई आश्चर्य नहीं होगा।
जीतू वखारिया ने कहा कि इस बार कपड़ा बाजार के व्यापारियों के लिए पोंगल का मौसम पूरी तरह विफल रहा है। जीएसटी की दरें पहले से ही बदल रही थीं, जिसके कारण व्यापारियों ने एहतियात के तौर पर अपने परिचालन को सीमित कर दिया था। दूसरी ओर ओम‌िक्रोन संक्रमण बढ़ने के कारण कामकाज प्रभावित होने की संभावना है। गांव के बाहर खरीदारी आधी हो गई है। पार्सलों की रवानगी में गिरावट के कारण व्यापारी डाइंग प्रोसेंसिंग  में  नए प्रोग्राम देने से हाल में हिचक रहे हैं। जिसके कारण जॉबवर्क घट जाने से मिलों में सप्ताह में दो से तीन दिन के अवकाश का अमल शुरु हो चुका है। मिलों में आई यह मंदी अभी कितना दिन रहेगा यह पता नहीं चल पाया है। हालांकि, जीएसटी दरों का मुद्दा अभी खड़ा है, 1 जनवरी 2022 के बाद भी जीएसटी दर यथावत रहे तो भी बड़ा फर्क पड़ने का संभावना कम है।  काम थोड़ा आगे बढ़ सकता है। व्यापारी फिलहाल मिलों से तैयार माल निकाल रहे हैं, लेकिन नए प्रोग्राम पर रोक लगा दी गई है।
एक व्यापारी ने कहा कि दक्षिण भारत के 5 राज्यों का 1200 करोड़ रुपये का सीजन फेल हो गया है। क्रिसमस का मौसम विफल हो गया है। बाहर के कारोबारी स्टॉक क्लीयर करने के मूड में हैं। खरीदारी पर विराम लग गया है। प्रोसेस हाउस में माल नहीं पहुंचने के कारण कारीगरों की छुट्टी अब बढ़ा दी गई है। आंखों के सामने कोई व्यापार नहीं है, अब जीएसटी 5 प्रतिशत रहे तो ही  आने वाले दिनों में कुछ व्यापार दिखाई देगा।  इसलिए व्यापारी और उद्योगपति अब बाजार और प्रोसेस हाउस के सुधार आने का इंतजार करने को मजबूर हैं। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अगर अगले शादी के मौसम में ओमिक्रॉन की आशंका है तो शादियों का मौसम भी विफल हो जाएगा और व्यापारियों को पटरी पर आने में समय लग जाएगा।  
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