सूरत : पुरानी इनपुट टेक्स क्रेडिट ब्लॉक होने के डर से कपड़ा जॉबवर्क पर असर, मिलों के आर्डर में आयी गिरावट

सूरत : पुरानी इनपुट टेक्स क्रेडिट ब्लॉक होने के डर से कपड़ा जॉबवर्क पर असर, मिलों के आर्डर में आयी गिरावट

5 फीसदी जीएसटी के साथ बेचा कपड़ा 12 फीसदी के साथ रिटर्न लेना पड़ सकता है इस बात का डर

पुरानी इनपुट टेक्स क्रेडिट ब्लॉक होने का डर से कपड़ा व्यापारियों को प्रोसेसिंग मिल में जॉबवर्क देना बंद कर दिया है। जिससे मिलों के उत्पादन पर असर हो रहा है। सिर्फ आर्डर तक सीमित प्रोसेसिंग काम होने से मिलों में 30 फीसदी कटौति करना शुरू कर दिया है। दिवाली में कपड़ा उद्योग का 16 करोड़ से ज्यादा का कारोबार हुआ। दिवाली के बाद भी शादी, पोंगल और क्रिसमस के कारण अच्छी खरीदी निकलने की आस थी।
हालांकि जीएसटी के इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर  कपड़ा क्षेत्र से हटाने की घोषणा के साथ ही यार्न बनने वाले रो-मटेरियल्स पर 18 फीसदी के अलावा सभी कपड़ा उत्पादन प्रक्रिया पर 12 प्रतिशत जीएसटी दर लागू किया गया है, जिसका अमल नए साल से होगा। एक ओर दक्षिण भारत में पोंगल सहित खरीदी की 1300 करोड़ की सीजन का असर हो चुका है। वहीं अपनी पुरानी इनपुट टेक्सट क्रेडिट ब्लॉक होने से रोकने के लिए अब वीवर्सऔर व्यापारी प्रोसेसिंग इकाईयों में जॉबवर्क देना रोक दिया है। 
मिल संचालक ने बताया कि व्यापारियों को तो पहले भी क्रेडिट नहीं मिलती थी, लेकिन वीवर्स के जरिये मिलों में कपड़ा प्रोसेसिंग के लिए भेजने से व्यापारियों को पुरानी क्रेडिट ब्लॉक होने का डर है। जिसके कारण व्यापारी भी नए प्रोडक्शन पर ब्रेक लगाया है। उल्लेखनीय है कि कपड़े पर फिलहाल 5 फीसदी जीएसटी है जो 1 जनवरी से 12 फीसदी हो जाएगी।
एसजीटीपीए के प्रमुख जीतेंद्र वखारिया ने बताया कि व्यापारी जीएसटी पूर्व टेक्स ढांचे में थे ही नहीं, जीएसटी आने के बाद उन्हें क्रेडिट नहीं मिलने वाली थी। अब कुछ व्यापारियों को गुमराह करने से अब वे भी पुरानी क्रेडिट ब्लॉक होगी ऐसी चिंता व्यक्त करके कपड़ा प्रोडक्शन में नहीं दे रहे है। जिसके कारण 30 फीसदी मिलों में प्रोडक्शन कटौति की स्थिति है।
एसएमए प्रमुख नरेंद्र साबू ने बताया कि अब कपड़े पर 5 फीसदी जीएसटी है। वह 1 जनवरी से बढक़र 12 फीसदी हो जाएगी। कपड़ा मार्केट में 90 से 180 दिन में पेमेंट आने के साथ ही रिटर्न गुड्स भी देरी से आता है। ऐसे में 5 प्रतिशत में बेचा माल 12 प्रतिशत में वापस लेना पड़ सकता है। जिसके कारण व्यापारी मिलों में जॉबवर्क के लिए मर्यादित कपड़ा भेज रहे है।

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