सूरत : जीएसटी का असर, जरी उद्योग के दो हजार की इकाईयों में 25 प्रतिशत उत्पादन

सूरत : जीएसटी का असर, जरी उद्योग के दो हजार की इकाईयों में 25 प्रतिशत उत्पादन

करोड़ों रूपयों के उत्पादन में किया निवेश फंसने के डर से उद्यमी चितिंत

1 जनवरी से कपड़ा पर जीएसटी दर बढक़र 12 प्रतिशत हो जाएगा। जिससे कपड़ा उद्योग के साथ-साथ उससे जुड़े वेल्युएडिशन चेन पर भी बड़ा असर हुआ है। जीएसटी के उंचे दर और दक्षिण भारत में बाढ़ की स्थिति ने दिक्कते बढ़ा दी है। शहर के 2 हजार जरी इकाईयों में कार्यरत 10 हजार से ज्यादा मशीनरी पर सिर्फ 25 प्रतिशत प्रोडक्शन हो रहा है। करोड़ों रूपये उत्पादन में निवेश की केपिटल लंबे समय के लिए तक फंसने का डर उद्यमियों को सता रहा है। 
दरअसल सूरत के जरी उद्योग को जीएसटी के बाद बड़ा असर हुआ है। रियल जरी पर 5 प्रतिशत और इमिटेशन जरी पर 12 प्रतिशत जीएसटी के विसंगत दर की लंबे समय से समस्या है। जिसके कारण उद्योग को बड़ा नुकसान हुआ है। जरी उद्योग के साथ जुड़े  विविध संगठन जरी और जरी के रो-मटेरियल्स पर जीएसटी के दर की विसंगता को दूर करने की मांग कर चुके है।
अब जबकि जीएसटी लागू होने के 5 साल के बाद काउंसिल द्वारा कपड़े की सभी वेल्युचेन पर 12 प्रतिशत जीएसटी दर नए साल से लागू करने का फरमान किया गया है। ऐसे में 5 प्रतिशत दर में उत्पादन होने वाले रियल जरी पर बड़ा असर होने की चिंता जताई जा रही है। इसके अलावा जरी का बड़ा कोरोबार दक्षिण भारत बाजार में होता है। इस बार दक्षिण के राज्यों में बाढ़ और कोरोना की स्थिति के कारण पोंगल की खरीदी पर असर हो चुका है। जिसके कारण फिलहाल 25 प्रतिशत तक जरी का प्रोडक्शन होने की बात उद्यमियों ने कहीं।
जरी पर जीएसटी की विसंगतता दूर करने की मांग
सांसद दर्शना जरदोश की अगुवाई में जरी उद्यमी राज्य और केंद्र सरकार तक जरी के जरी के रियल और इमिटेशन की के साथ- साथ इसके रो-मटेरियल्स पर लागू जीएसटी के विसंगत दर को लेकर मांग की जा चुकी है। विसंगत दर के कारण व्यापार में मुश्किले आने के साथ न्यूनतम दर लागू करने की भी मांग की थी।
करोड़ों की केपिटल ब्लॉक होने की चिंता
जरी एसोसिएशन के प्रमुख शांतिलाल जरीवाला ने बताया कि पहले से ही जीएसटी के विसंगत दर का असर था। वहीं दक्षिण भारत में कोरोना और बाढ़ की स्थिति के कारण व्यापार पर असर हुआ है। फिलहाल 25 प्रतिशत प्रोडक्शन हो रहा है। लेकिन इसके सामने पर्याप्त मांग नहीं होने के कारण कई इकाईयां स्टॉक हो रहा है। अगर जीएसटी का उंचे दर लागू होंगे तो जरी उद्योग की कमर टूट जाएगी।
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