सूरत : ब्रेनडेड बच्चे के दान किए गए हाथ का एकाउंटेंट को प्रत्यारोपण

सूरत :  ब्रेनडेड बच्चे के दान किए गए हाथ का एकाउंटेंट को प्रत्यारोपण

सूरत से ब्रेन डेड बच्चे के दोनो हाथ पुणे के व्यक्ति में प्रत्यारोपित किए गए, उस व्यक्ति के स्वास्थ का खयाल पुछने के लिए डोनेट लाईफ ने शुभेच्छा मुलाकात ली

स्व. धार्मिक अपने हाथो से मेरे साथ जी रहा, इन हाथों से मै अच्छा कर्म करूंगा , अंगदान के लिए जागरूकता फैलाऊंगा
अक्टूबर महिने  में एक 12 वर्षीय बच्चा धार्मिक अजयभाई काकड़िया जिन्हें सूरत के किरण अस्पताल में ब्रेनडेड घोषित किया गया था उनके दोनों हाथों को डोनेट लाइफ के माध्यम से दान कर दिया गया था। पूरे देश में यह पहला मौका था जब सबसे छोटे बच्चे यानी 14 साल के बच्चे का हाथ दान किया गया। काकाड़िया परिवार ने अपने  लाडले बेटे के दोनों हाथों सहित हृदय, फेफड़े, यकृत और आंखें दान करके छह व्यक्तियों को पुनर्जीवित किया।
डॉ नीलेश सतभया और उनकी टीम ने मुंबई के ग्लोबल अस्पताल में पुणे निवासी 32 वर्षीय व्यक्ति में धार्मिक के दान किए गए दोनों  हाथों का प्रत्यारोपण किया। दो साल पहले बिजली के झटके से व्यक्ति के दोनों हाथ-पैर टूट गए थे। वह पुणे की एक कंपनी में अकाउंटेंट के पद पर कार्यरत था। उनके परिवार में पत्नी, 3 साल का बेटा और 3 साल की बेटी है। डोनेट लाइफ के संस्थापक-अध्यक्ष नीलेश मंडलेवाला और डोनेट लाइफ की टीम ने मुंबई के ग्लोबल अस्पताल में अंगदाता धार्मिक के दोनो हाथ जिस युवक में ट्रान्सप्लान्ट किए गए थे उस युवक और उसके परिवार को देखने के लिए दौरा किया और उन्हे मिला नया जीवन तथा तंदुरूस्ती के लिए शुभेच्छा प्रदान की। 
हैंड ट्रांसप्लांट के बाद युवक को लगा जैसे सब कुछ वापस मिल गया हो। हाथ प्रत्यारोपण से पहले जीवन जीने के लिए बेबस, लाचार, मजबूर और निराश युवक आज जीवन जीने के लिए उत्साहित था। 
डोनेट लाइफ टीम से बातचीत में उन्होंने धार्मिक के माता-पिता का शुक्रिया अदा किया और कहा कि उनके इस फैसले ने मुझे आज एक नया जीवन दिया है। मैं उनका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं, मैं धर्मिक के माता-पिता को एक संदेश देना चाहता हूं कि आपका पुत्र धर्मिक मेरे साथ अपने हाथों से जी रहा है और मैं भी उनका पुत्र हूं। मैं  धार्मिक के हाथों से अच्छे कर्म करूंगा और समाज में अंगदान के लिए जागरूकता फैलाऊंगा।  
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