सूरत : कपड़ा पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से कई लोग हो जाएंगे बेरोजगार, फोस्टा ने सांसद और प्रदेशाध्यक्ष से लगाई गुहार

पूरे वेल्यू चेन से 18 लाख लोगों को सूरत में रोजगार मिलता है

कपड़े पर 12 प्रतिशत जीएसटी वसूलने की घोषणा के बाद इसके लागू किए जाने पर सबसे ज्यादा असर छोटे व्यापारी और कपड़ा उद्योग से जुड़े श्रमिकों पर होगा। जीएसटी दर बढ़ोत्तरी करने से पहले फेरबदल किए जानेकी मांग फोस्टा अग्रणियों ने सांसद और प्रदेशाध्यक्ष सीआर पाटिल से की।
फेडरेशन ऑफ सूरत टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने सांसद और प्रदेशाध्यक्ष सीआर पाटिल से रूबरू मुलाकात करके केंद्र के वित्त मंत्रालय ने मेन मेड फाइबर की वेल्यू चेन में कपड़ा बिक्री और वेल्यू एडिशन मेें जीएसटी का दर 5 प्रतिशत बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने को लेकर नाराजगी व्यक्त की। क्योंकि इसको लागू किए जाने पर सूरत के 75 हजार कपड़ा व्यापारी और 1.50 लाख कारीगर की रोजी रोटी छीन जाएगी।
फोस्टा के प्रमुख मनोज अग्रवाल, जनरल सेक्रेटरी चंपालाल बोथरा ने बताया कि अगर जीएसटी टेक्स के दर 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत किए जाते है तो कपड़ा उद्योग और उपभोक्ता पर खराब असर पड़ेगा। सूरत के सिंथेटिक कपड़ा उत्पादन में गरीब लोगों के कपड़ा बनता है। जिसका ज्यादातर उपयोग गरीब लोग करते है। एमएमएफ में 60 प्रतिशत कपड़ा का उत्पादन सूरत करता है। पूरे वेल्यू चेन से 18 लाख लोगों को सूरत में रोजगार मिलता है। 12 प्रतिशत जीएसटी ज्यादा होगा और महंगाई के साथ छोटे व्यापारी जो गांवों में कम खर्च और बजट में व्यापार करते है वे बेरोजगार हो जाएंगे।
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