सूरत में कई लोगों का इलाज करने वाले 'हकीमचीची' वाले चाचा शेख अब्दुल हकीम का हुआ निधन

सूरत में कई लोगों का इलाज करने वाले 'हकीमचीची' वाले चाचा शेख अब्दुल हकीम का हुआ निधन

1932 में हकीम चीची फार्मसी की शुरूआत हुई थी

सूरत शहर के सबसे पुराने और सबसे प्रसिद्ध हकीम चीची संस्थान के शेख अब्दुल हकीम हकीम चीचीवाला चाचा का निधन (इन्तेकाल) हो गया है। मर्हूम का जनाजा आज शुक्रवार शाम 4 बजे हकीम चीची फार्मेसी रानीतलाव से निकाला जाएगा। उनकी जनाजा की नमाज मस्जिद के मकबरा में अदा की जाएगी। वह सूरत, दक्षिण गुजरात सहित दूर-दूर से आने वाले बीमार रोगियों का बिना किसी जाति या धर्म के भेदभाव के मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ इलाज करने के लिए जाने जाते थे। सुबह से उनकी  चीची फार्मेसी रानीतलाव के बाहर लोगों की लाइन लग जाती थी। मुर्हूम अब्दुल हकीम हकीम चीची कमी सूरत शहर को कभी पूरी नहीं होगी।
सूरत के मुस्लिम समुदाय में मातम छा गया है। हकीम चीचीवाला चाचा शेख अब्दुल, जो शहर की एक जानी-मानी हस्ती और समाज सेवा के लिए हमेशा तैयार रहते थे। उनका आज सुबह निधन हो गया। वह कुछ समय से बीमार थे। उन्हें मधुमेह था। पिछले कुछ समय से वे हकीमचिची फार्मेसी की जिम्मेदारी अपने बेटे मोहम्मद कासिम हकीम को सौंप दी थी। फिर भी कभी-कभी वे बीमार लोगों का इलाज करते थे। उनका आज सुबह 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 
चाचा के इन्तेकाल के बाद से उनके परिवार सहित सूरत में मुस्लिम समुदाय शोक व्याप्त है। सूरत शहर के एक बहुत प्रसिद्ध प्रतिष्ठित हकीम के रूप में एक बहुत बड़ा नाम होने के बावजूद और पहले से ही प्रसिद्ध होने के बावजूद किसी भी तरह का अभिमान बिना गरीब हो या अमीर, किसी भी जातपात का भेदभाव बिना हर व्यक्ति के साथ बहुत नम्रता सादगी और प्रेमपूर्वक आदर से उन्हों सभी का दिल जीत लिया था। 
Tags: