सूरत : मां ने बेटे को कंधे पर उठाकर अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी मौत हो गई

सूरत :  मां ने बेटे को कंधे पर उठाकर अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी मौत हो गई

उल्टी-दस्त होने से 5 साल की मासूम की मौत

नई सिविल अस्पताल के पोस्टमॉर्टम कक्ष के बाहर मासूम बेटे की मौत पर रो रही मां पति के काम, आवास और मोबाइल नंबर से अनभिज्ञ होने से 6 घंटे तक परेशान रही।  डायरिया और उल्टी से पीड़ित अपने 5 साल के बेटे को मां कंधे पर उठाकर पांडेसरा से सिटी बस से सूरत सिविल अस्पताल पहुंची। डेढ़ महीने पहले बिहार की एक महिला सूरत आई और पति को काम पर चले जाने के बाद  अपने बीमार बेटे को सिविल ले आई। हालांकि,  पुलिस और गैर सरकारी संगठनों की मदद से पिता के पास लोग पहुंचे और बेटे के मौत की जानकारी दी।  बेटे की मौत होने की खबर सुनकर वह हैरान रह गए।
मृतक की मां रानी राम  ने कहा, "मैं शहर में नई हूं लेकिन मेरा बेटा बीमार था और उसे इलाज की जरूरत थी। जिससे घर से निकलीऔर पास के एक डॉक्टर ने मुझे सिविल ले जाने के लिए कहा। रिक्शा नहीं मिला तो वह बस में चढ़ गई और सिविल पहुंच गई। जहां मौजूद डॉक्टरों ने उनके बेटे को मृत घोषित कर दिया । मेरे पति को संदेश भेजो मुझे घर और पति का नंबर भी नहीं पता। उन्होंने आगे कहा कि वह बिहार के रहने वाले हैं। चार बच्चों में तीन लड़के और एक बेटी है। सूरत डेढ़ महीने पहले अपने पति के पास दो बेटे और एक बेटी के साथ आई थी। सुबह-सुबह, अचानक उल्टी शुरू करने के बाद लड़के का घर पर इलाज किया। पति के सुबह काम पर जाने के बाद वह अपने बेटे को नजदीकी डॉक्टर के पास ले गया तो डॉक्टर ने सिविल अस्पताल ले जाने की सलाह दी। 
हेमांशु सुरती (छात्र) ने कहा कि मैं वडोद गांव से सिटी बस में बैठा था। तभी मजुरागेट से आ रही एक महिला मासूम बच्चे को गोद में लिए रो रही थी। मैं उसे मजुरागेट उतारकर सिविल ले गया। हालांकि, डॉक्टरों ने मासूम बच्चे को मृत घोषित कर दिया और मां होश खो बैठी। वह हिन्दी भी नहीं बोल पाती थी। पति और घर के बारे में पूछे जाने पर उसने कहा कि वह कुछ नहीं जानती। पांडेसरा पुलिस भी महिला की मदद के लिए प्रयास शुरु कर दी।  एनजीओ की मदद मांगने के बावजूद कोई बात नहीं बन पाई। अंत में महिला के मोबाइल से बिहार संबंधियों को अनेक फोन किया तब वे महिला के पति तक पहुंचे। 
मृतक मासूम के पिता सुनील राम  ने कहा कि वह एक जरी फैक्ट्री में काम करता है। वह सुबह नौ बजे काम पर निकल गया था। पत्नी और बच्चे हाल ही में अपने गृहनगर से सूरत आये थे। सूरत के इलाके से अनजान हैं। नहीं पता था ऐसा होगा, 6 घंटे मेरी पत्नी ने अपने बेटे की मौत के लिए कितना कष्ट उठाया होगा, यह समझ सकता हूं। मेरी भूल के कारण  6 घंटे बाद मुझे मेरे बेटे की मौत खबर पड़ी, यह एक दुखद घटना है। परिवार की देखभाल करना भी मेरी ही जिम्मेदारी है।
Tags: