सूरत : जीएसटी दरों में बदलाव से बढ़ सकता है टेक्सटाइल का निर्यात

एयरजेट, वाटरजेट और रेपीयर जैसी आधुनिक मशीनरी में भारी निवेश किया गया है

जीएसटी की दरों में जनवरी 2022 से बदलाव हो रहा है और कपड़ा के लिए एक समान दरों के कारण फायदे और नुकसान की चर्चा शुरू है। निर्यातकों के लिए 7 फीसदी का सीधा अंतर निर्यात को बढ़ावा दे सकता है। पिछले कुछ वर्षों में आधुनिक मशीनरी जैसे एयरजेट, वॉटरजेट और रेपीयर में भारी निवेश किया गया है। निर्यात के लिए क्वॉलिटी भी इस मशीनरी पर बनती है।  इसलिए ड्यूटी में बदलाव का लाभ निर्यातकों के लिए एक बड़ा अवसर हो सकता है।
निर्यातकों के लिए अब तक 3-4 फीसदी के मार्जिन के साथ कारोबार करना थोड़ा मुश्किल रहा था। लेकिन अब सीधे 7 फीसदी के अंतर से निर्यात के कामकाज को भी बढ़ावा मिलेगा। कपड़ा उद्योग के सूत्रों ने कहा कि आने वाले दिनों में निर्यात में तेजी आ सकती है। टेक्सटाइल पर जीएसटी दर को 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने के जीएसटी काउंसिल के फैसले का वीविंग उद्योगों से विरोध नहीं किया गया है। लोगों के लिए फेब्रिक अब महंगा होने का डर भी सता रहा है।
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