सूरत : कपड़ा पर जीएसटी बढ़ेगी तो वीवर्स पर सालाना 1050 करोड़ का बोझ बढ़ेगा

सूरत : कपड़ा पर जीएसटी बढ़ेगी तो वीवर्स पर सालाना 1050 करोड़ का बोझ बढ़ेगा

21 हजार करोड़ का टर्नओवर वाले वीविंग इंडस्ट्रीज को 600 करोड़ का रिफंड भी छोडऩा होगा

जीएसटी काउंसिल की 45वीं मीटिंग में मेन मेड फाइबर पर जीएसटी का इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर हटाने की घोषणा की गई है। ऐसे में पूरे सेक्टर में 7 या 13 फीसदी दर लगने की चिंता सता रही है।  इस बीच राज्य और केंद्र में पेशकश करके जीएसटी के कपड़े पर जीएसटी दर यथावत रखने की मांग उठी है। अगर कपड़े पर जीएसटी दर 5 फीसदी से बढ़ जाए तो वीवर्स को सालाना मिलने वाला 600 करोड़ का रिफंड छोडऩा पड़ेगा। इसके अलावा 1050 करोड़ का टेक्स का भी बोझ पड़ सकता है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कपड़े पर जीएसटी के दर में बदलाव को लेकर फिर से विवाद शुरू हो गया है। ऐसे में कपड़ा उद्यमियों में एक समान दर को लेकर चिंता बढ़ी है। जिसके कारण कपड़ा उद्यमी और इसमें विशेष कर वीवर्स-ट्रेडर्स के साथ-साथ ग्राहक पर टेक्स का बोझ बढऩे की चिंता व्यक्त की जा रही है। संभवत: नवंबर के अंत या दिसंबर के शुरूआत में होने वाली जीएसटी काउंसिल की 46वीं मीटिंग में अगर कपड़ा सेक्टर पर चर्चा के मुताबिक 7 या 12 फीसदी एक समान दर किए जाएंगे तो जीएसटी में दर्ज सूरत के 19,265 वीवर्स को मिलने वाला 600 करोड़ का वार्षिक रिफंड तो छोडऩा पड़ेगा। सााथ ही अगर 5 फीसदी से ज्यादा का जीएसटी दर लागू हुई तो 1050 करोड़ का बोझ भी वीवर्स के सिर पर बढ़ेगा, ऐसा जानकारों का मानना है । 
इस संदर्भ में स्थानीय उद्यमियों मा मानना है कि कपड़ा पर हाल जीएसटी की स्थिति के मुताबिक 100 रूपये के यार्न पर 12 फीसदी के मुताबिक टेक्स के साथ वीवर्स को वह 112 रूपये में पड़ता है। जिसमें से वेल्यूएडिशन के साथ 200 रूपये का कपड़ा बनता है। जिस पर 5 फीसदी जीएसटी के तौरपर वीवर्स पर 10 रूपये का टेक्स आता है। वीवर्स को 2 रूपये की क्रेडिट मिलती है। अब अगर एक समान दर करके 5 फीसदी जीएसटी भी पूरे चेन पर लागू की जाए तो 100 रूपये का यार्न टेक्स के साथ 105 रूपये में मिलेगा। इसमें से बनने वाले 200 के कपड़ों पर भी 5 फीसदी टेक्स लगे तो कपड़ा का टेक्स 10 रूपये हो जाएगा। वीवर्स अभी तक 2 रूपये क्रेडिट हासिल करते थे, जो अब सीधे 5 रूपये कर चुकाना पड़ेगा। इसके कारण 21 हजार करोड़ का टर्नओवर वाले वीवर्स पर 1050 करोड़ का सीधा टेक्स का बोझ बढ़ जाएगा।
कम्पोजिट-सेमी कम्पोजिट यूनिट को रिफंड मिलेगा : अभी तक पूरे टेक्सटाइल चेन में वीविंग इंडस्ट्रीज को इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर के कारण रिफंड का लाभ मिलता था। जिसमें सूरत के रजिस्टर्ड 18,265 वीवर्स 600 करोड़ का रिफंड हासिल करते थे। अगर अब एक समान जीएसटी होगी या तो जीएसटी के दर में बदलाव होगा तो रिफंड कम्पोजिट-सेमी कम्पोजिट यूनिट को मिलेगा। जिसके कारण उनके खातों में सालों से पड़ी केपिटल गुड्स का रिफंड मिलेगा। हालांकि इसके बाद तंत्र के सिर पर बड़ी रकम के रिफंड की जिम्मेदारी आ सकती है।
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