सूरत से बिहार और उत्तर प्रदेश जाने वाले टेक्सटाइल गुड्स ट्रकों की संख्या ज्यादा, जानें वजह

सूरत से बिहार और उत्तर प्रदेश जाने वाले टेक्सटाइल गुड्स ट्रकों की संख्या ज्यादा, जानें वजह

दीपावली के कारण कपड़ा बाजार में पार्सलों का कामकाज बढ़ा

कपड़ा बाजार में अच्छी ग्राहकी निकली है। व्यापारियों को बाहरी राज्यों से बड़े पैमाने पर आर्डर मिल रहे है। लेकिन समय पर डिलीवरी पहुंचाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ट्रांसपोर्ट हाउसफूल होने से पार्सल रिटर्न की शिकायतें उठी है। टेक्सटाइल गुड्स डिस्पेचिंग सूरत से अचानक बढ़ गया है। सूरत से रोजाना 350 ट्रकों में  और रेल से 25 ट्रक माल भेजा जा रहा है। इनमें से करीब 25 फीसदी माल यूपी और बिहार भेजा जा रहा है।
कोरोना में टेक्सटाइल उद्योग बुरी तरह प्रभावित होने के बाद लंबे समय के बाद व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों में तेजी का माहौल देखने को मिला है। नवंबर में डाईंग- प्रोसेसर्स  इकाइयों को बंद करने की घोषणा से अप्रत्यक्ष रूप से पूरे कपड़ा उद्योग को लाभ हुआ है और नवरात्रि पहले से  माल की डिलीवरी लगातार जारी है। उपनगरों से रिटर्न गुड्स लेकर आने वाली ट्रकों की संख्या कम होने के कारण ट्रांसपोर्टरों ने ट्रक किराए में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि की है।
टेक्सटाइल गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष युवराज देसले ने कहा कि फिलहाल ज्यादातर काम यूपी और बिहार की विभिन्न मंडियों में हो रहा है।  सूरत से रवाना होने वाले लगभग 25 फीसदी ट्रक केवल इन दो राज्यों के लिए हैं। नवरात्र से पहले रोजाना 400 से ज्यादा ट्रक टेक्सटाइल गुड्स लेकर सूरत से निकलते थे। वर्तमान में दक्षिण और महाराष्ट्र में कामकाज धीमा हो गया है। इस वजह से काम का बोझ कम है। हालांकि पर्याप्त ट्रक नहीं होने के कारण रेलवे से करीब 25 ट्रक माल भेजा जा रहा है।
दीपावली से पहले कपड़ा बाजार में आई तेजी के कारण इसने कपड़ा उद्योग से जुड़े विभिन्न उद्योगों और क्षेत्रों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचाया है। त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए तैयार फिनिश का स्टॉक भी व्यापारी खाली करने में सफल रहे हैं। दिवाली और छठपूजा को लेकर भी बिहार और उत्तर प्रदेश के व्यापारियों से अच्छे आर्डर मिल रहे है।
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