सूरत : जॉब चार्ज को लेकर व्यापारी संस्था और प्रोससर्स आए आमने-सामने

सूरत : जॉब चार्ज को लेकर व्यापारी संस्था और प्रोससर्स आए आमने-सामने

अब हर 15 दिनों में भाव बदलेगा

प्रोसेसिंग चार्ज में बढ़ोत्तरी के मुद्दों को लेकर व्यापारी संस्था और प्रोससर्स आमने-सामने हो गये है। प्रोसेसिंग चार्ज में बढ़ोत्तरी का विरोध किए जाने पर प्रोसेसर्स एसोसिएशन ने कहा कि जॉब चार्ज के दाम बढ़ोत्तरी करने का निर्णय प्रोससर्स को करना है। भाव कितना होना चाहिए यह व्यापारी कैसे तय कर सकते है? व्यापारी तय करेंगे तो हमें मिल को ताला लगाना पड़ेगा और मिल के साथ जुड़े 500- 700 कारीगर बेरोजगार हो जाएगे।
साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोससेसर्स एसोसिएशन के प्रमुख जीतेंद्र वखारिया ने बताया कि एक मंच से इसका विरोध किया गया है। हालांकि दूसरी ओर हमारे सदस्यों को व्यापारियों ने भाव बढ़ोत्तरी दे दिया है। मिलवाला- प्रोसेसर्स को क्या भाव लेना है यह व्यापारियों का एसोसिएशन तय करेगा? हम तो व्यापारियों को कहते है कि भाव नहीं पोसाता हो तो मिलों से ग्रे उठा लो। दो माह पहले मिलों में माला डाला था, तब कोयले के दाम 9-10 हजार रूपये थे और आज मैं वह माल प्रोसेस करता हूं तो कोयले के दाम 18 हजार रूपये हो गया है। तो हमें क्या करना चाहिए?
स्थानीय उत्पादक कलर केमिकल के भाव वृद्धि करें तो एसोसिएशन एकत्रित होकर ऐसा तय नहीं कर सकते है कि यह भाव वृद्धि हमें स्वीकार नहीं। आप को पूछकर भाव बढाना चाहिए यानि क्या व्यापारी को पूछकर मिल- प्रोससर्स भाव वृद्धि करना होगा? मिल- प्रोसेसर्स ने व्यापारी को साफ कह दिया है कि अब से दर पंद्रह दिनों में भाव बदलेगा। केमिकल और कोयला के भाव अगर घटेंगे तो भाव घटाएंगे और बढ़ेंगे तो बढ़ाएंगे। भाव वृद्धि हर सदस्य ने स्वीकार किया है और व्यापारी पेमेंट देने लगे है। हकीकत में तो व्यापारियों की संस्था इस बहाने अपना अस्तित्व साबित करने के लिए यह सब कर रही है।
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