सूरत : 42 फीसदी स्कूलों में बाथरूम में हाथ धोने रोजाना साबून उपलब्ध नहीं

सूरत : 42 फीसदी स्कूलों में बाथरूम में हाथ धोने रोजाना साबून उपलब्ध नहीं

वॉश सर्वेक्षण में यह बात बाहर आने पर स्कूलोंं को दिया साबू बैंक स्थापित करने का आदेश

सूरत सहित राज्या के स्कूलों में मूलभूत सुविधा के साथ कई बार स्वच्छता और छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर अनदेखी किए जाने की शिकायते उठी है। इतना ही नहीं स्कूलों में किए गए एक सर्वे में पता चला कि स्कूलों के बाथरूम में हाथ धोने के लिए रोजाना साबून नहीं मिलता। जिससे सभी स्कूलों को अनिवार्य साबू बैंक की स्थापना करने का आदेश दिया है।
सर्व शिक्षा अभियान क एडिशनल स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर द्वारा राज्य के सभी जिला शिक्षणाधिकारी कार्यालय को पत्र लिखकर सभी स्कूलों में साबून बैंक की स्थापना करने के निर्देश दिए। ग्लोबल हेन्ड वॉशिंग डे 2021 मनाने के तहत साबू बैंक की स्थापना के निर्देश दिए है। 15 अक्टूबर को मनाने के साथ छात्रों के हाथों स्वच्छता और स्वास्थ्य को केंद्र में रखकर सूचना दी गई। कोविड-19 महामारी से साबित हुआ है कि साबू से हाथ धोने से बीमारी संक्रमण से बचा जा सकता है। गुजरात में वॉश सर्वे 2020 के तहत 42 स्कूलों में हाथ धोने के लिए हररोज साबू उपलब्ध नहीं होता। सभी स्कूलों में हाथ धोने के लिए होना जरूरी है। बच्चे स्कूलों में 8 से 10 घंटे बिताते है और साबू से हाथ धोने से बच्चों के स्वास्थ्य- शिक्षा में सुधार होता है। ग्लोबल हेन्ड वॉशिंग डे 2021 पर सभी सरकारी, ग्रान्टेड और निजी स्कूलों में एक साबू बैंक की स्थापना करनी होगी। 
साबू बैंक के तहत यह कार्य करना होगा
स्कूलों में साबू बैंक का स्थापना के तहत किसी भी आकार और कद का बॉक्स जो संभालने में आसान, टिकाउ और वॉटरप्रूफ साबू बैंक बनाना होगा। साबू बैंक की स्थापना के समय शिक्षक, मुख्य शिक्षक, छात्र, गांव के प्रतिनिधि और समुदाय को साबू बैंकक में साबून का दान करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। साबू बैंक का संचालन एक शिक्षक की निगरानी में दो छात्रों द्वारा किया जाएगा। 





























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