
सूरत : तमंचे की नोंक पर 3 मिनट में बैंक को लूटने वाले 3 लुटेरे घटना के 3 दिन बाद भी पकड़ से दूर
By Loktej
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10.42 लाख की लूट में 70 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज चेक किए लेकिन पुलिस को नहीं मिला कोई सुराग
रेंज आईजी ने सीसीटीवी जारी कर जनता से लुटेरों के बारे में जानकारी देने की अपील की
बारडोली के मोता गांव की सूरत डिस्ट्रिक्ट को-आपरेटिव बैंक में पिछले मंगलवार को बैंक प्रबंधक पर तमंचा लगाकर 10.42 लाख के लूट प्रकरण में पुलिस को तीन दिन की जांच में आरोपियों के खिलाफ कोई कड़ी नही मिली है। पुलिस टीम द्वारा बयान दर्ज करने के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों के सीसी फुटेज की जांच करने के बावजूद लुटेरे जहां से गुजरे हो ऐसा लोकेशन नहीं दिखे। लूट के दिन पुलिस को लगे फुटेज में पुलिस को कोई दिशा नहीं मिली, हालांकि बाइक और लुटेरों के चेहरे साफ दिखाई दे रहे थे।
तीन लुटेरे लूट कर जिस तरह बाहर निकले , गांव से बिगड़ी बाइक को धक्का मारकर भागने तक का सीसीटीवी फुटेज पुलिस ने कब्जे ले लिया है। जिससे एक बात स्पष्ट है कि लुटेरे ज्यादा पेशेवर नहीं लग रहे थे। सफेद कलर की बाइक एवं पहचान हो सके ऐसा चेहरा भी दिखाई दे रहा है उसके बावजूद मंगलवार से टीम बनाकर जांच में जुटी पुलिस को कोई सटीक कड़ी नहीं मिली है।
पुलिस मोता गांव में बयान दर्ज करने के साथ ही डॉगक्वार्ड, एफएसएल, फिंगर एक्सपर्ट जैसी तकनीकी टीम ने अपना काम किया है। जबकि लुटेरे कामरेज और पलसाना तालुका सीमा में गाँव की सड़कों की ओर भाग गए है, जिससे हलधरू, कारेली, गंगाधरा, दास्तान फाटक सहित क्षेत्रों में 70 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जाँच की, लेकिन पुलिस को किसी भी क्षेत्र में लुटेरों के प्रवेश करने का कोई सबूत नहीं मिला।
दूसरी ओर, लुटेरे बाइक बंद होने के बावजूद बाइक को धक्का देकर भाग गए, जिसके बारे में माना जाता है कि बाइक लुटेरों के स्वयं की हो सकती है। जिससे छोड़ने से पकड़े जाने के भय से लुटेरे धक्का मारकर बाइक ले जाना मुनासिब समझा। चूंकि बाइक सफेद रंग की है, इसलिए पुलिस के लिए इसकी पहचान करना आसान हो जाएगा। आसपास के कई इलाकों में जांच के बावजूद पुलिस को लुटेरे के चेहरे या बाइक हाथ नहीं लग सका।
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