
सूरत सहित गुजरात के चार शहर प्रदूषित, हवा की गुणवत्ता अयोग्य
By Loktej
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वायू प्रदूषण के खिलाफ रिट में जीपीसीबी का हलफनामा
गुजरात वायू प्रदूषण के खिलाफ उचित कदम उठाने की मांग के साथ जनहित में की गई रिट में गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हलफनामा द्वारा जवाब पेश किया था। जिसमें कहा कि राज्य के चार मुख्य शहरों में अहमदाबाद, सूरत, राजकोट और वडोदरा जोखमी तौरपर प्रदूषित है और यहां हवा की गुणवत्ता उचित मापदंड के मुताबिक नहीं है। बोर्ड का जवाब है कि देश के भयजनक तौरपर प्रदूषित 102 शहरों की सूची में चारों शहर शामिल है। गुजरात एकमात्र राज्य नहीं है कि जहां उद्योगों में इंधन के तौरपर कोयला का उपयोग किया जाता है। लेकिन इसके लिए विविध सावधानी के बाद ही मंजूरी दी जाती है। कोर्ट ने रिट की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को रखी है।
गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दिए गए जवाब में कहा गया है कि कोम्प्रिहेन्सिव एन्वायरन्मेटल पॉल्युशन इन्डेक्ष के मूल्यांकन के मुताबिक वटवा, वापी, अंकलेश्वर, सूरत-वडोदरा और राजकोट को जोखमी तौरपर प्रदूषित और भावनगर, मोरबी, जूनागढ, ओढव और नरोडा को गंभीर तौरपर प्रदूषित घोषित किया गया है। इस संदर्भ में बोर्ड द्वारा एक्शन प्लान तैयार किया गया है और उसे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मंजूरी भी मिली है। इस प्लान के तहत 15 साल पुराने वाहनों पर प्रतिबंध, उद्योगों के खिलाफ शिक्षात्मक कार्यवाही सहित कदम उठाने का प्रावधान है।
इसके अलावा ईट के भ_ी सहित प्रदूषण फैलाने वाले स्थलों पर एयर पोल्युशन कंट्रोल डिवाइस और स्वच्छ टेक्नोलॉजी का उपयोग का आग्रह किया जा रहा है। बोर्ड का जवाब है कि गुजरात के अलावा अन्य राज्यों में भी कोयला आधारित उत्पादन होता है। गुजरात एकमात्र ऐसा राज्य नहीं है जहां उद्योगों में कोयला का इंधन के तौरपर उपयोग होता है। हालांकि उत्पादन के लिए विविध नियम पालन बाद ही मंजूरी दी जा रही है। अगस्त 2021 तक आखिरी एक वर्ष में बोर्ड द्वारा गुजरात के 24,871 इकाईयों की जांच की गई। जिसमें से 471 इकाईयों को नियमों का पालन करें और 151 इकाईयों को क्लोजर नोटिस भेजी गई।
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