
सूरत : उमिया धाम में महिलाओं ने अपने सिर पर तीन गरबियां रखकर प्राचीन गरबा कर माताजी की आराधना की
By Loktej
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सरकार की अधिसूचना के अनुसार सामाजिक दूरी और दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्यक्रम
सोशल डिस्टेंस और सीमित लोगों के साथ मंदिर के सामने गरबा का आयोजन
माताजी का आराधना उत्सव नवरात्रि उत्सव गुरुवार से शुरू हो गया है। पार्टी प्लाट की बजाय, लोग इस बार शेरियों में गरबा खेल रहे हैं। उस समय सूरत के उमियाधाम मंदिर में पारंपरिक गरबा धूम देखने को मिल रही है। यहां पारंपरिक साड़ियों में सजीं महिलाएं अपने सिर पर तीन गरबा रखकर माताजी की आराधना कर रही हैं। पूरी योजना सरकार द्वारा घोषित सामाजिक दूरी और दिशा-निर्देशों के अनुसार की जा रही है। कोरोना महामारी के चलते पिछले दो साल से धार्मिक समारोह नहीं हो पाए। परंतु इस वर्ष कोरोना का संक्रमण कम होने से सरकार ने गाइड लाइन के अनुसार नवरात्रि पर्व मनाने की अनुमति दी है। गत वर्ष गरबा बंद रहने के बाद इस वर्ष उमिया धाम में गरबा धूम धाम से खेला जा रहा है।
उमिया मंदिर में महिलाओं द्वारा सिर पर गरबा रखकर पारंपरिक गरबा खेला जाता है। इस गरबा को देखने के लिए भी लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है। लेकिन इस साल सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक गरबा खेला जा रहा है। यहां 400 लोगों को ही जाने की इजाजत है। जिन लोगों को टीका लगाया जा चुका है उन लोगों को ही जाने की इजाजत है। बहनों ने सिर पर गरबियां रखकर माताजी की पूजा की और कोरोना महामारी दूर होने की प्रार्थना की।
ज्योत्सना ने कहा, "हम पिछले 25 वर्षों से उमियाधाम मंदिर में सिर पर गरबियां रखकर प्राचीन गरबा खेल रहे हैं और माताजी की भक्ति कर रहे हैं।" लेकिन इस साल सरकार ने इसकी अनुमति दे दी। यहां 400 लोगों को अनुमति दी गई थी। इसलिए यहां 400 से कम लोगों और केवल टीकाकरण वाले लोगों को ही प्रवेश दिया जा रहा है। हम पारंपरिक गरबा खेलकर माताजी की पूजा करते हैं।
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